नई तकनीक से बनेंगे घर, पहले इन छह शहरों से होगी शुरुआत, कहीं आपका शहर तो नहीं
New home-based technology: मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह जल्द ही सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहेंगे कि वह अपने शहरों में निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ठीक ढंग से चीजों का आकलन कर लें.
देश के छह शहरों को एक प्रायोगिक योजना के लिए चुना गया है. इस योजना के तहत नई तकनीक के इस्तेमाल से कम खर्च में अधिक टिकाऊ एवं आपदा-रोधी 1,000 मकान बनाए जाएंगे. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. निर्माण प्रौद्योगिकी भारत-2019 प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन के दौरान मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने संवाददातओं से कहा कि तकनीक मूल्यांकन समिति ने 25 देशों की 32 नई प्रौद्योगिकियों एवं प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने वाले 54 संगठनों का मूल्यांकन किया.
उन्होंने कहा, 'हल्के मकान से जुड़ी परियोजना (लाइटहाउस प्रोजेक्ट) के लिए छह शहरों को प्रयोग के केंद्र के तौर पर चिह्नित किया गया है. ये शहर हैं - राजकोट (गुजरात), रांची (झारखंड), इंदौर (मध्य प्रदेश), चेन्नई (तमिलनाडु), अगरतला (त्रिपुरा) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश).' मिश्रा ने कहा कि प्रौद्योगिकी को इन छह राज्यों के अलावा अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू किया जाएगा.
प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से देश के संवेदनशील इलाकों के मानचित्र की तीसरे संस्करण का हाल में विमोचन किया गया. इसको लेकर अधिकारी ने कहा कि वह जल्द ही सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहेंगे कि वह अपने शहरों में निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ठीक ढंग से चीजों का आकलन कर लें.
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सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किया था. इस दौरान उन्होंने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 को निर्माण-प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित किया. इस दौरान उन्होंने देश में मकानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाए जाने पर जोर दिया.
(इनपुट एजेंसी से)