मलबे से बनाए जाएंगे सांसदों के लिए नए फ्लैट, CPWD ने तैयार की यह योजना
केंद्र सरकार ने लुटियन दिल्ली में सांसदों के लिए बने 400 पुराने फ्लैटों को तोड़कर, मलबे से नए फ्लैट बनाने का निर्णय किया है.
दिल्ली इन दिनों फिर से संवर रही है. लगभग समूची दिल्ली में पुराने मकानों को तोड़कर मल्टीस्टोरी फ्लैट बनाए जा रहे हैं. इस तरह का निर्माण दिल्ली की हर गली, हर सड़क और हर मोहल्ले में देखने को मिल जाएगा. दिल्ली के इस नवनिर्माण से मलबे की समस्या गहराती जा रही है. सड़कों पर मलबे के ढेर साफ देखे जा सकते हैं. ऐसे में दिल्ली के सांसदों के पुराने आवास को तोड़कर नए फ्लैट बनाए जाने की योजना है. लेकिन इस योजना में पुराने बंगलों का ही मलबा इस्तेमाल किया जाएगा.
400 नए फ्लैट्स बनाए जाएंगे
केंद्र सरकार ने लुटियन दिल्ली में सांसदों के लिए बने 400 पुराने फ्लैटों को तोड़कर, मलबे से नए फ्लैट बनाने का निर्णय किया है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने बताया कि ये फ्लैट राष्ट्रपति भवन के दोनों और नॉर्थ एवेन्यू और साउथ एवेन्य में स्थित हैं. इनका निर्माण करीब 60 साल पहले हुआ था. इन्हें तोड़कर नए फ्लैट बनाए जाएंगे.
सौर ऊर्जा से होंगे लैस
सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक प्रभाकर सिंह ने बताया कि नॉर्थ एवं साउथ एवेन्यू में आजादी के बाद निर्मित सांसदों के पुराने फ्लैटों को तोड़ा जाएगा. नॉर्थ एवं साउथ एवेन्यू में सांसदों के लिए नए फ्लैट बनाने के वास्ते मलबे का इस्तेमाल किया जाएगा. इन स्थलों के मलबे का इस्तेमाल नए फ्लैट बनाने के लिए किया जा सकता है. सांसदों के लिए नए फ्लैट चरणबद्ध तरीके से बनाए जाएंगे ताकि पुराने फ्लैट तोड़ने के बाद कोई अव्यवस्था नहीं हो. कम ऊंची इमारतों में सौर ऊर्जा पैनल होंगे और कार पार्किंग का विशेष स्थान होगा. इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी होंगी.
350 सांसदों के पास नहीं हैं आवास
सीपीडब्ल्यूडी ने हाल में 80 करोड़ रुपये की लागत से 36 डुप्लेक्स फ्लैट्स बनाए हैं जो नव निर्वाचित सांसदों को आवंटित किए जाएंगे. लुटियन दिल्ली में स्थायी सरकारी आवास नहीं मिलने तक सरकार ने करीब 350 सांसदों के रहने के लिए अस्थायी व्यवस्था की है. पहले नवनिर्वाचित सांसद पांच सितारा होटलों में रहते थे, लेकिन लोकसभा सचिवालय की खर्चों में कटौती की कवायद के तहत इस चलन को बंद कर दिया गया है.