देश में सूचना क्रांति के साथ-साथ ऊर्जा क्रांति भी तेजी चल फैल रही है. देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है. बिजली का सुचारू आपूर्ति के लिए बिजली उत्पादन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए देश में जल्द ही 12 और परमाणु संयंत्र लगाए जाएंगे, ताकि बिजली की स्थिति में सुधार हो और उद्योगों और आवासीय प्रयोग के लिए बिजली की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव केएन व्यास के हवाले से सोमवार को विभाग द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गई.

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केएन व्यास भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन हैं. उन्होंने हाल ही में रूस के सोच्ची में रोस्टम स्टेट एटॉमिक इनर्जी कॉर्पोरेशन द्वारा प्रायोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय फोरम एटमएक्सपो 2019 में भाग लिया था. उन्होंने बताया कि परमाणु प्रौद्योगिकी विविध उपयोगों के माध्यम से जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती है और यह स्वच्छ प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का एक अपूरणीय स्रोत है.

उन्होंने कहा कि भारतीय परमाणु कार्यक्रम के संस्थापक होमी जहांगीर भाभा ने परिकल्पना की थी कि परमाणु तकनीक बहुत ही आवश्यक होने वाली है और ना सिर्फ बिजली के क्षेत्र में, बल्कि अन्य क्षेत्रों में जीवन की बेहतरी के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है. 

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व्यास ने कहा कि भारत के स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का पहला चरण अब परिपक्व हो चुका है और 18 प्रेशराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर्स (पीएचडब्ल्यूआरएस) काम कर रहे हैं. वर्तमान में भारत में ऊर्जा उत्पादन प्रति व्यक्ति 600 किलोवाट सालाना है.

(इनपुट आईएएनएस से)