NDMA (National Disaster Management Authority) ने बढ़ते तापमान को लेकर राज्यों को चिट्ठी लिखकर अस्पतालों में Firefighting की सभी तैयारियों को सुचारू रखने का निर्देश दिया है. NDMA ने अस्पतालों से कहा कि ये सुनिश्चित करें की अस्पतालों में आग रोकने के सभी यंत्र और सिस्टम काम कर रहे हों और जरूरी सर्टिफिकेशन भी हासिल हो.

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सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को चिट्ठी लिखी

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को चिट्ठी लिखी है. राज्यों को लिखी चिट्ठी में गर्मियों में अस्पतालों में लगने वाली आग को काबू करने के लिए अभी से उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी राज्यों की डिजास्टर मैनेजमेंट टीम और राज्यों के स्वास्थ्य विभागों से मिलकर आग से बचाव के तरीकों को अपनाने के लिए कहा गया है.

सभी उपकरणो के जांच के आदेश

इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि सभी अस्पतालों को फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए गए हैं जिसमें कहा गया कि सभी उपकरणों की जांच की जाए. आग से बचाव के सभी उपकरणों का रेगुलर मेंटेनेंस और चेकिंग करना जरूरी है. इलेक्ट्रिकल लोड के ऑडिट के निर्देश -यह निर्देश इसलिए दिए गए हैं क्योंकि आमतौर पर अस्पतालों में आग लगने की मुख्य वजह शॉर्ट सर्किट होती है यानी कि बिजली के जितनी व्यवस्था है उससे ज्यादा लोड बढ़ने की वजह से आग लगती है. इसके साथ ही अस्पताल में ICU के आसपास  जहां पर ऑक्सीजन के पाइप रहते हैं वहां खास तौर पर ऐसे इलाकों को नो स्मोकिंग जोन अनिवार्य तौर पर घोषित करने का आदेश दिया गया है.

जगह-जगह लगाएं स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म

आदेश में ये भी कहा गया कि अस्पतालों में जगह-जगह पर स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म लगाए जाएं. आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर जैसी जगह पर वॉटर स्प्रिंकलर और हौज पाइप लगाए जाएं. अस्पताल यह सुनिश्चित करें कि वह नेशनल बिल्डिंग कोड का पालन करते हैं इस कोड के मुताबिक अस्पतालों में प्रॉपर वेंटिलेशन फायर रेजिस्टेंट दरवाजे और कॉरिडोर और सीढ़ियों में इमरजेंसी लाइटिंग होना जरूरी है. यह भी निर्देश दिए गए हैं कि समय-समय पर स्टाफ की ट्रेनिंग करें और फायर सेफ्टी ड्रिल करते रहे अस्पताल में सभी को आग लगने की स्थिति में इवेक्युएशन प्लान की जानकारी होनी चाहिए. सभी अस्पतालों से कहा गया है कि फायर डिपार्टमेंट से फायर से संबंधित NOC जरूर लें.