लाखों लोगों की रिटायरमेंट की बचत डूबने वाली थी, अदालत ने दी बड़ी राहत
IL&FS इस समय भारी वित्तीय संकट का सामना कर रही है और निवेशकों का पैसा नहीं लौटा पा रही है.
अदालत ने लाखों आम निवेशकों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट की बचत के लिए प्राविडेंट फंड (provident fund) और पेंशन फंड में पैसा निवेश किया था और उनके पेंशन और पीएफ (PF) फंड ट्रस्ट ने वो पैसा आईएलएंडएफएस (IL&FS) के बांड में लगा दिया था. गौरतलब है कि IL&FS इस समय भारी वित्तीय संकट का सामना कर रही है और निवेशकों का पैसा नहीं लौटा पा रही है.
नेशनल कंपनी लॉ अपेलिट ट्रिब्युनल (NCLAT) ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि कर्ज संकट का सामना कर रही IL&FS सबसे पहले पीएफ और पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश को चुकाएगी. अदालत ने कहा है कि IL&FS पेंशन और पीएफ फंड द्वारा किए गए निवेश का विवरण उपलब्ध कराए और सभी चार ग्रुप कंपनियों पर इन वित्तीय संस्थाओं की वित्तीय देनदारी के बारे में बताए.
ये चार कंपनियां हैं- हजारीबाग रांची एक्सप्रेसवे, झारखंड रोड प्रोजेक्ट इम्पलिमेंटेशन कंपनी, मुरादाबाद बरेली एक्सप्रेसवे और वेस्ट गुजरात एक्सप्रेसवे.
अदालत ने पाया कि पेंशन फंड और पीएफ द्वारा IL&FS में निवेश किया गया पैसा, निवेशकों का है. इसलिए जब भी कर्ज की अदायगी शुरू हो, सबसे पहले इनका भुगतान होना चाहिए. अदालत का ये फैसला छोटे निवेशकों के लिए बड़ी राहत है, जिन्होंने अपनी जमा पूंजी रिटायरमेंट के बाद के खर्च के लिए जमा की थी.
इससे पहले अदालत ने कहा कि वह IL&FS और उसकी ग्रुप कंपनियों को समाधान की प्रक्रिया में आगे बढ़ाने से नहीं रोकेगी. अदालत की चिंता बस इतनी है कि जबसे अधिक जरूरतमंद लोगों को उनका पैसा सबसे पहले मिले.
(एजेंसी इनपुट के साथ)