सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सिद्धू का बयान, 'अमेठी में राहुल हारे तो राजनीति छोड़ दूंगा'
लोकसभा चुनाव में दूसरी बार बीजेपी 'मोदी लहर' के साथ प्रचंड जीत से केंद्र की सत्ता पर काबिज होने जा रही है. इन सबके बीच सोशल मीडिया पर क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू का एक बयान जमकर वायरल हो रहा है.
लोकसभा चुनाव 2019 के शुरुआती नतीजे अब कुछ हद तक साफ हो चुके हैं. लोकसभा चुनाव में दूसरी बार बीजेपी 'मोदी लहर' के साथ प्रचंड जीत से केंद्र की सत्ता पर काबिज होने जा रही है. इन सबके बीच सोशल मीडिया पर क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू का एक बयान जमकर वायरल हो रहा है.
दरअसल, कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते माह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी के लिए प्रचार के दौरान 28 अप्रैल को कहा था कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव हार जाते हैं तो वे राजनीति छोड़ देंगे.
अमेठी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी 45,453 वोटों से बढ़त बना रखी है. हालांकि, इस सीट पर अभी चुनाव परिणाम सामने नहीं आया है. राहुल गांधी को अब तक की मतगणना में 2,94,290 वोट मिले हैं. वहीं, स्मृति ईरानी को अभी तक 3,39,743 वोट मिले हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणामों ने बीजेपी को एक बार फिर से सत्ता की चाबी सौंपने की तैयारी कर दी है. अब आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पंजाब में कांग्रेस ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. 13 में से 9 सीटों पर कांग्रेस जीत की ओर बढ़ रही है. दो सीटों पर बीजेपी और 2 पर अकाली दल के उम्मीदवार जीत हासिल कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब में 13 में से 13 सीटें जीतने का दावा किया था.
अब इस प्रदर्शन और पार्टी की हार पर उन्होंने कई कारण गिनाए हैं. कैप्टन ने मुख्य रूप से नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है. पंजाब की सियासत में कैप्टन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच प्रतिद्वंद्विता का खबरें आती रही हैं. अब कैप्टन ने इस प्रदर्शन के लिए सिदधू पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है भारत में खासकर सर्विसमैन को यह बात बर्दाश्त नहीं है कि भारत का कोई व्यक्ति पाकिस्तानी सेना के जनरल को जाकर गले लगाए.
बता दें कि अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तानी सेना के जनरल बाजवा को गले लगाया था. इसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई थी. इसके बाद भी उनके रुख में कोई बदलाव नहीं आया था.
(रिपोर्ट: देवेश त्रिपाठी)