National Panchayati Raj Day: भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और गांव और किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं चला रही है. ऐसे में पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम मोदी 24 अप्रैल को आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तहत गांव की समृद्धि के लिए समावेशी विकास का शुभारंभ करेंगे. इस वर्ष का राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम भारत में पंचायती राज के 30 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहे हैं. पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम मोदी 24 अप्रैल को मध्य प्रदेश के रीवा से अमृत महोत्सव-समावेशी विकास के तहत नौ अभियानों का शुभारम्भ करने के साथ ही ”आजादी का अमृत महोत्सव-समावेशी विकास” पर समर्पित वेबसाइट और मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ करेंगे. आजादी का अमृत महोत्सव-समावेशी विकास अभियान के तहत स्वामित्व-मेरी संपत्ति, मेरा हक विषय का लक्ष्य अगस्त 2023 तक स्वामित्व योजना के तहत डेढ़ करोड़ अधिकारों का रिकॉर्ड-संपत्ति कार्ड बनाना है. ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल की शुरुआत पीएम मोदी पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का उद्घाटन करेंगे. ईग्रामस्वराज-जीईएम एकीकरण का उद्देश्य पंचायतों को ईग्रामस्वराज प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए जीईएम के माध्यम से अपने सामान और सेवाओं की खरीद करने में सक्षम बनाना है. ईग्रामस्वराज-जीईएम एकीकरण का शुभारंभ पंचायतों को डिजिटल क्रांति का शुभारंभ करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, इससे उन्हें आसानी से खरीद और भुगतान प्लेटफॉर्म तक पहुंच मिल सकेगी. बता दें ई-ग्राम स्वराज का शुभारंभ 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर किया गया था. लाभार्थियों को सौंपेंगे स्वामित्व संपत्ति कार्ड पीएम मोदी लाभार्थियों को स्वामित्व संपत्ति कार्ड सौंपेंगे. यह देश में स्वामित्व योजना के तहत 1.25 करोड़ संपत्ति कार्ड वितरण की उपलब्धि का प्रतीक है. स्वामित्व एक केंद्रीय योजना है जिसे 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने शुरू किया था. स्वामित्व योजना का उद्देश्य गांव के बसे हुए क्षेत्र के ग्रामीण परिवारों के मालिकों को “अधिकारों के रिकॉर्ड”/संपत्ति कार्ड प्रदान करना है.  इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है. इनमें संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋणों को सक्षम बनाना; संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना; व्यापक ग्राम स्तरीय योजना शामिल हैं. यह पंचायतों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को और बढ़ाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे. वहीं 31 मार्च 2023 तक 2.39 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है, जो 3.72 लाख गांवों के कुल लक्ष्य का 63% है. ड्रोन सर्वेक्षण मध्य प्रदेश राज्य, लक्षद्वीप, दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव क्षेत्रों में पूरा हो गया है. उत्तराखंड, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गोवा के बाद हरियाणा के लाभार्थियों के संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं. राज्यों और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच समन्वय के साथ लगभग 74,000 गांवों के लिए 1.24 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार करने की उपलब्धि हासिल की गई है. स्वामित्व-मेरी संपत्ति, मेरा हक विषय का  लक्ष्य अगस्त 2023 तक स्वामित्व योजना के तहत 1.50 करोड़ “अधिकारों के रिकॉर्ड”/संपत्ति कार्ड बनाना है. 4.11 लाख लोगों का गृह प्रवेश कराएंगे पीएम पीएम मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के गृह प्रवेश’ के आयोजन में शामिल होंगे. वर्तमान में गृह प्रवेश कार्यक्रम के लिए 4.11 लाख घर तैयार हैं. जल जीवन मिशन के तहत लगभग 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के भूमि पूजन समारोह में भी शामिल होंगे. इस अवसर पर रीवा जिले में जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न कार्यों का भूमि पूजन किया जाएगा. रीवा-इतवारी ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और अन्य रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस दिन हुआ था 73वां संविधान संशोधन बता दें कि पंचायती राज मंत्रालय हर वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है, क्योंकि इस दिन 73वां संविधान संशोधन लागू हुआ था. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस को बड़े पैमाने पर एक भव्य आयोजन के रूप में मनाया जाता है और आम तौर पर इसे राष्ट्रीय राजधानी से बाहर आयोजित किया जाता है. 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने पंचायती राज संस्थानों को सर्वोत्तम तरीके से समर्थन देने के अपने प्रयासों में और तीव्रता वृद्धि की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंचायती राज के मूल उद्देश्यों को सही मायने में हासिल किया जा सके. केंद्र सरकार पंचायती राज संस्थाओं को सक्षम और सशक्त बनाने, उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने और समावेशी विकास, आर्थिक विकास और उपलब्धि को हासिल करने की दिशा में योगदान करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की दक्षता, कार्यप्रणाली की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में सुधार के लिए कई पहल कर रही है. नौ विषयों में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) अर्थात (1) गरीबी मुक्त और बढ़ी हुई आजीविका गांव, (2) स्वस्थ गांव, (3) बच्चों के अनुकूल गांव, (4) जल पर्याप्त गांव, (5) स्वच्छ और हरित गांव, (6) आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव, (7) सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, (8) सुशासन वाला गांव और (9) महिला मित्र गांव.