World Organ Donation Day 2022: 13 अगस्त को दुनियाभर में ऑर्गन डोनेशन डे मनाया जाता है. नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक भारत में हर साल 5 लाख लोगों की मौत समय पर ऑर्गन न मिलने की वजह से हो जाती है, इनमें से 2 लाख ऐसे हैं, जिनकी मौत लिवर नहीं मिलने की वजह से होती है. एक इंसान अपने ऑर्गन डोनेट कर 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है.

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ऑर्गन डोनेशन की कब हुई शुरुआत?

आधुनिक चिकित्सा ने एक शख्स से दूसरे शख्स में अंगों को प्रत्यारोपित करना संभव बना दिया है. पहली बार सफल अंग प्रत्यारोपण अमेरिका में 1954 में किया गया था. डॉक्टर जोसेफ मरे को फिजियोलॉजी और मेडिसिन में जुड़वां भाइयों रोनाल्ड और रिचर्ड हेरिक के बीच सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण करने पर 1990 में नोबेल पुरस्कार मिला.

ऑर्गन डोनेशन कितने प्रकार के होते हैं?

1. जिंदा रहते हुए ऑर्गन डोनेशन

2. मरने के बाद ऑर्गन डोनेशन

ऑर्गन डोनेशन में कमी का कारण

लोगों में ऑर्गन डोनेशन को लेकर जागरूकता की कमी है. कई गैर सरकारी संगठन और सार्वजनिक संगठन इस बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, फिर भी लोग इस नेक काम के लिए आगे नहीं आते हैं. नेशनल हेल्थ पोर्टल मुताबिक, देश में प्रति मिलियन जनसंख्या पर केवल 0.65 अंगदान होते हैं, जबकि इसकी तुलना में स्पेन में 35 और अमेरिका में 26 अंगदान किया जाता है.

ऑर्गन डोनेशन की पहली शर्त

ऑर्गन डोनेशन के लिए व्यक्ति का स्वस्थ होना जरूरी है. ब्रेन डेड व्यक्ति को एचआईवी, कैंसर, डायबिटीज, किडनी और हृदय रोगों से पीड़ित नहीं होना चाहिए. ऑर्गन डोनेशन दो तरह से किया जा सकता है. जब इंसान का डॉक्टर ब्रेन डेड भी है लेकिन दिल का धड़कना बंद नहीं होता, ऐसे लोग अपने ऑर्गन डोनेट कर सकते हैं. हेड इंजरी, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, कोई ऐसी बीमारी जिससे ब्रेन डैमेज हो जाता है ऐसे व्यक्ति डोनर बन सकते हैं.

कौन ऑर्गन डोनेशन नहीं कर सकता?

कोई भी बीमार व्यक्ति ऑर्गन डोनेशन नहीं कर सकता. जो लोग HIV, कैंसर जैसे शरीर में तेजी से फैलने वाली बीमारी और ऐसे गंभीर संक्रमणों से जूझ रहे होते हैं, वे अंग दान नहीं कर सकते. जीवित अंगदान में मधुमेह, किडनी या हृदय रोग, कैंसर और एचआईवी आदि से पीड़ित लोगों को बाहर रखा जा सकता है.

ऑर्गन डोनेशन के लिए कई जगह कर सकते हैं संपर्क

ऑर्गन डोनेशन  के लिए कई संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं.   www.rnos.org, www.notto.nic.in या mohanfoundation.org रजिस्टर कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1800114770, 18001037100 पर संपर्क कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के बाद जारी कार्ड की जानकारी परिजनों को दें ताकि वे ब्रेनडेड होने पर जानकारी हॉस्पिटल को दे सकें.

कब कर सकते हैं ऑर्गन डोनेशन

जन्म से लेकर 65 वर्ष तक के व्यक्ति जिन्हें ब्रेन डेड घोषित किया जा चुका हो, उनका ऑर्गन डोनेशन किया जा सकता है. ब्रेनडेड साबित होने या मृत्यु के बाद कितने घंटे में कौन सा अंग ट्रांसप्लांट हो जाना चाहिए यह जानना जरूरी है.

इन बॉलीवुड सेलेब्स ने किया है डोनेशन का वादा

-सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया है.

-सलमान खान ने अपना बोन मैरो डोनेट करने का संकल्प लिया है.

 -ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी आंखें दान करने के लिए आई बैंक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ साइन किया है.

-आर माधवन ने अपनी आंखें, दिल, फेफड़े, किडनी, लीवर,हड्डियां और कार्टिलेज दान करने का फैसला किया है.

-आमिर खान ने निधन के बाद अपने शरीर के प्रत्येक अंग को दान करने का फैसला किया.

 -प्रियंका चोपड़ा ने अपने अंगों को दान करने का संकल्प लिया है.

-रणबीर कपूर ने भी ऑर्गन डोनेशन  का संकल्प लिया है.

-सुनील शेट्टी ने अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया है.

 

अंगदान से जुड़ी 8 गलत धारणाएं

-मेरे धर्म में ऑर्गन डोनेट करने पर रोक है

-मृत्‍यु के बाद ही अंगदान किया जा सकता है

-ब्रेन डैथ के बाद अंगों की चीर-फाड़ होती है

-मैं ऑर्गन खरीद सकता हूं, मुझे अंगदान की आवश्‍यकता नहीं है

-अंगदान से विकलांग या कमजोरी का खतरा

-अंगदान से माता-पिता बनने में परेशानी

-महिलाओं के अंग पुरुषों में ट्रांसप्लांट नहीं हो सकते

-बच्‍चे अंगदान नहीं कर सकते