नागपुर : 700 किलो की कड़ाही में पकी 3,000 किलो खिचड़ी, विष्णु मनोहर ने बनाया रिकॉर्ड
खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन घोषित करने की मांग को लेकर नागपुर में एक विशाल कड़ाही में 3000 किलो खिचड़ी पकाकर एक रिकॉर्ड बनाया गया.
साधारण, स्वादिष्ट और सुपाच्य खिचड़ी पूरे देश में खाई और खिलाई जाती है. 14 जनवरी, मकर संक्राति का पर्व तो खिचड़ी पर्व के नाम से ही जाना जाता है. उत्तर भारत में तो 80 फीसदी लोगों के भोजन में खिचड़ी शामिल है. नागपुर में आज 14 अक्टूबर को एक ही बार में 3,000 किलो खिचड़ी बनाने का रिकॉर्ड बनाया गया. शेफ विष्णु मनोहर ने यह खिचड़ी तैयार की. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस अवसर पर मौजूद थे.
275 किलो चावल से बनी खिचड़ी
नागपुर के चिटनीस पार्क स्टेडियम में खिचड़ी बनाने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एक बड़े कड़ाहे में 3,000 किलो खिचड़ी पकाई गई. इसे तैयार करने के लिए 275 किलो चावल, 125 किलो मूंग की दाल, 150 किलो चना दाल, 2000 लीटर पानी, 50 लीटर दही, 150 किलो विभिन्न प्रकार की सब्जियां, 30 किलो हरा धनिया, 100 किलो देशी घी, 35 किलो नमक और 50 किलो मूंगफली के तेल का इस्तेमाल किया गया.
5 घंटे में तैयार हुई खिचड़ी
3,000 किलो खिचड़ी को पकाने के लिए 700 किलो वजनी कड़ाही का इस्तेमाल किया गया. सुबह 5 बजे से इस खिचड़ी को बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, जोकि 10 बजे जाकर यह खिचड़ी तैयार हुई. यानी इस खिचड़ी को तैयार करने में पूरे 5 घंटे का समय लगा.
खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन घोषित करने की मांग
शेफ विष्णु मनोहर ने बताया कि खिचड़ी में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन घोषित करने की मांग को लेकर उन्होंने यह आयोजन किया. उन्होंने बताया कि 3,000 किलो खिचड़ी तैयार करने के लिए 10x10 फुट डायमीटर और 4 फुट गहरी कड़ाही विशेष तौर पर तैयार करवाई गई थी. यह कड़ाही स्टेनलैस स्टील की बनी हुई थी. इस कड़ाही का वजन 700 किलो था.