हाईटेक हुई मुंबई पुलिस, अब रोबोट की मदद से रोकेगी 26/11 जैसे हमले
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के एक दशक बाद पुलिस को ऐसा हाईटेक साथी मिला है, जो बम डिस्पोजल से लेकर एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन, मेट्रो आदि की निगरानी करने में सक्षम है.
रिपोर्ट : नित्यानंद शर्मा
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के एक दशक बाद पुलिस को ऐसा हाईटेक साथी मिला है, जो बम डिस्पोजल से लेकर एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन, मेट्रो आदि की निगरानी करने में सक्षम है. रोवर मार्क नामक यह हाईटेक रोबोट अब मुम्बई पुलिस की मदद करेगा. विस्फोट वाली जगह पर यह मानव क्षति कम करने में भी सक्षम है.
बम डिस्पोजल में होगा इस्तेमाल
मुंबई पुलिस की मानें तो इसे mROV भी कहते हैं यानी मिनी रिमोटली ऑपरेटेड वाहन. इसका उद्देश्य विस्फोटों के मामले में मानव हानि को कम करना है. 26/11 के घातक आतंकवादी हमले के बाद ये रोबोट पुलिस के आधुनिकीकरण योजना का हिस्सा है. मुबंई पुलिस ने इसका सफल परिक्षण भी किया है.
ऐसे काम करता है ये रोबोट : देखें वीडियो
कितनी आई लागत
इस मिनी रिमोटली ऑपरेटेड वाहन को तैयार करने में करबी 84 लाख रुपए की लागत आई है. यह बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा मददगार साबित होगा. यह रोवर मार्क पहाड़ों, सीढ़ियों और एयरप्लेन लैडर पर चढ़ने में सक्षम है. साथ ही एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन जैसी अत्यधिक भीड़ वाली जगहों पर निगरानी के लिए भी रखा जा सकता है.
सिंगापुर में भी ऐसा ही रोबोट
सिंगापुर में एक समिट में ऐसा रोबोट देखा गया था. इसमें घूमनेवाला कैमरा लगा है. इसके ऊपर की ओर फ्लैश लाइट लगी है. समिट में आए मेहमानों को इसका रूपरंग काफी पसंद आया था. यह सफेद रंग का है, चार पहिए लगे हैं और इसकी ऊंचाई करीब 5 फुट है. सिंगापुर पुलिस ने इसका इस्तेमाल निगरानी में शुरू किया है.