MP Election 2023: देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का बिगुल बज गया है. सभी राजनितिक पार्टियों ने अपने-अपने हिस्से की तैयारी कर ली है. आज भाजपा ने मध्य प्रदेश चुनावों के लिए चौथी लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके परंपरागत सीट बुधनी से, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दतिया और गोपाल भार्गव को रेहली से उम्मीदवार बनाया है. 

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इन नेताओं का नाम है शामिल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को विचारधाराओं की लड़ाई बताया और लोगों से बड़ी संख्या में उत्साह के साथ मतदान करने की अपील की. एक अन्य भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी उनके गृह राज्य मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में विजयी होगी. 

चुनाव के लिए तैयार भाजपा

चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों के लिए. चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद चौहान ने सीधी में संवाददाताओं से कहा, "चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्यौहार है. मैं लोगों से पूरे उत्साह के साथ भाग लेने और बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील करता हूं क्योंकि चुनाव न केवल सरकार बनाते हैं बल्कि लोगों और राज्य का भविष्य भी तय करते हैं."

17 नवंबर को होनी है वोटिंग

मध्यप्रदेश में एक चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. चौहान ने राजनीतिक दलों से यह भी ध्यान रखने की अपील की कि मध्यप्रदेश "शांति का द्वीप है और चुनाव दुश्मनों के रूप में नहीं लड़ा जा रहा है". 

उन्होंने कहा, ‘‘यह विचारधाराओं की लड़ाई है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हों, सरकार और विपक्ष सहित सभी को शालीनता से अपने विचार रखने चाहिए." कांग्रेस जाति सर्वेक्षण के आश्वासन के इर्द-गिर्द अपनी चुनावी कहानी बनाने की कोशिश कर रही है और उसने लोगों से कई वादे किए हैं. दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा संसद में लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने को मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बता रही है. बाद में राष्ट्रपति की सहमति से यह विधेयक कानून बन गया. 

कांग्रेस पर साधा निशाना

भाजपा "घोटालों, भ्रष्टाचार और लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में उसकी विफलता" को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साध रही है और एक द्रमुक मंत्री की "सनातन धर्म के उन्मूलन" वाली टिप्पणी पर विपक्षी भारतीय गठबंधन की आलोचना कर रही है. इस बीच, सिंधिया ने कहा कि मतदान सबसे बड़ा अधिकार है और मतदाता भगवान के समान हैं.

पांच राज्यों में चुनावों की बिगुल

सिंधिया ने ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भाजपा की विकास की नीति, सुशासन के रिकॉर्ड और गरीबों का कल्याण सुनिश्चित करने के कारण मतदाताओं का आशीर्वाद भाजपा के साथ रहेगा." चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में 7-30 नवंबर के बीच अलग-अलग दिनों में मतदान होगा. 

मध्यप्रदेश में 5.60 करोड़ से अधिक मतदाता 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे . वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और स्वतंत्र उम्मीदवारों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी क्योंकि इन चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. मप्र की 230 सदस्यीय सदन में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली थीं. 

हालांकि, नाथ के नेतृत्व वाली सरकार 15 महीने बाद गिर गई जब कांग्रेस विधायकों का एक वर्ग, जिनमें से अधिकांश केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार थे, छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए. मार्च 2020 में भगवा पार्टी सत्ता में लौट आई और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बने.

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