सख्त कानून से रुकेंगे सड़क हादसे, नियम तोड़ने वाले भरेंगे मोटा जुर्माना या जाएंगे जेल
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं. आतंकी हमलों से भी ज्यादा मौतें सिर्फ सड़क हादसों में होती हैं. हर 3 मिनट में इस देश की सड़कों पर एक हादसा होता है.
नए कानून के तहत रैश ड्राइविंग, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना पर भी ज्यादा जुर्माने का प्रस्ताव है. नाबालिग के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर गाड़ी का मालिक दोषी होगा. (फोटो- UP Police)
नए कानून के तहत रैश ड्राइविंग, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना पर भी ज्यादा जुर्माने का प्रस्ताव है. नाबालिग के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर गाड़ी का मालिक दोषी होगा. (फोटो- UP Police)
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं. सरकार भी मानती है कि आतंकी हमलों से कहीं ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन सरकार की इसी संख्या को कम करने की कोशिश है. लेकिन सरकार की कोशिश के साथ ही कई सवाल भी खड़े होते हैं, जैसे क्या सिर्फ कानून सख्त करने के इन हादसों में लगाम लगाई जा सकती है, ये सवाल इस लिए उठ रहे हैं क्योंकि कानून बनाना एक बात है और उसे लागू करना दूसरी बात.
कभी अपनी और कभी दूसरे की गलती से हर घंटे करीब 17 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा देते हैं. ऐसा नहीं है कि सड़क हादसों को लेकर सरकार बेफिक्र है या ट्रैफिक डिपार्टमेंट को कोई फर्क नहीं पड़ता. सड़क हादसों को लेकर सख्त कानून भी है और उसका पालन करवाने के लिए ट्रैफिक महकमा भी दिनरात जुटा रहता है, फिर क्यों सड़क हादसे नहीं रुकते.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) July 16, 2019
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भारत में सड़क हादसे
- पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं.
- आतंकी हमलों से भी ज्यादा मौतें सिर्फ सड़क हादसों में होती हैं.
- हर 3 मिनट में इस देश की सड़कों पर एक हादसा होता है.
- हर घंटे करीब 17 लोग इन हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं.
- रोड एक्सीडेंट में 70% से ज्यादा मरने वाले 18-45 साल के होते हैं.
बावजूद इसके सड़क हादसे नहीं थमते, मगर इस बार मोदी सरकार सख्ती के मूड में है और ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कोई रहम नहीं करने वाली. सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में कई संशोधन किए हैं और उसे लोकसभा में पेश किया है. नए एक्ट में प्रस्ताव किया गया है-
- शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2,000 से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाए.
- एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसी गाड़ियों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माना लगे.
- ऐसा करने वाले पर 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.
- फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर जुर्माने और ज्यादा लगेगा.
- जुर्माने की रकम को 1,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने का प्रस्ताव है.
- रैश ड्राइविंग, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना पर भी ज्यादा जुर्माने का प्रस्ताव है.
- नाबालिग के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर गाड़ी का मालिक दोषी होगा.
- साथ ही 25,000 के ज़ुर्माने के साथ-साथ 3 साल जेल का प्रावधान है.
- लाइसेंस लेने या गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर जरूरी हो सकता है.
सरकार ने कानून के दांत और नाखून भले ही और तीखे कर दिए हों, लेकिन सवाल अब भी कई हैं कि क्या सिर्फ नियम सख्त करने से सड़क हादसों पर लगाम लग सकती है, क्या नियम को लागू करने के लिए सरकार के पास जरुरी मशीनरी मौजूद है, क्या राज्य सरकारों के ट्रैफिक विभाग में पर्याप्त कर्मचारी हैं, क्या सिर्फ चालान काटने से हादसों पर लगाम लगेगी, क्या लोगों को जागरूक करने की जरूरत नहीं है.
06:51 PM IST