अधिकतर कंपनियों ने अगले एक साल में साइबर हमलों में वृद्धि की आशंका प्रकट की है लेकिन साथ ही दावा किया है कि वे डेटा चोरी से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं. अमेरिकी कंपनी फिको के ‘सी-सुइट सर्वेक्षण, 2018’ में कहा गया है कि कंपनियों को उम्मीद है कि अगले एक साल में उनके साइबर सुरक्षा बजट में बढ़ोत्तरी होगी. 

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स्वतंत्र शोध कंपनी ओवम द्वारा किये गए अध्ययन में बड़े ग्राहक आधार वाली और 500 से अधिक कर्मियों वाली आईटी और साइबर सुरक्षा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत को शामिल किया गया है. सर्वेक्षण में कहा गया है, “करीब 88 प्रतिशत भारतीय कंपनियों का मानना है कि उनकी साइबर तैयारी औसत से ऊपर या बेहतर है.” शोध में हालांकि, कहा गया है कि साइबर खतरों का वस्तुनिष्ठ आकलन नहीं होने के कारण भी यह संभव है कि कंपनियां अपनी तैयारी के स्तर को लेकर ज्यादा आश्वस्त नजर आ रही हों.

अध्ययन के मुताबिक करीब 56 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अगले साल साइबर हमलों में वृद्धि की आशंका जताई है. वहीं 42 फीसदी को लगता है कि इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी, जबकि दो प्रतिशत को लगता है कि आने वाले समय में साइबर हमलों में कमी आएगी. करीब 1,000 से 4,999 कर्मियों की क्षमता वाले मध्यम आकार के संगठन सबसे अधिक चिंतित नजर आ रहे हैं. उनमें से करीब 80 प्रतिशत ने साइबर हमलों में वृद्धि की आशंका जाहिर की है.

 

जिन उद्योगों में सर्वेक्षण किया गया उनमें से खुदरा और दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों में पिछले साल के दौरान साइबर सुरक्षा के मामले में प्रगति दर्ज की गई. इनमें 20 प्रतिशत कंपनियों ने साइबर हमलों में कमी आने की बात स्वीकारी है. वहीं, पिछले वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र की कंपनियों में 47 प्रतिशत ने साइबर हमलों में वृद्धि की बात कही है. किसी भी कंपनी ने इनमें कमी आने की बात नहीं कही. सर्वेक्षण के मुताबिक 62 प्रतिशत के करीब कंपनियों ने आने वाले समय में अपने साइबर सुरक्षा बजट में वृद्धि की आशंका जताई है.

(इनपुट एजेंसी से)