Morbi bridge collapse: दीवार घड़ी बनाने वाले OREVA Group को मोरबी पुल की मरम्मत का ठेका कैसे मिला? लगे हैं ये आरोप
Morbi bridge collapse: गुजरात (Gujarat) के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई है.
Morbi bridge collapse: गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल टूटने के बाद जांच के घेरे में आए ओरेवा ग्रुप (OREVA Group) को सीएफएल बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक बनाने में विशेषज्ञता हासिल है लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि उसे 100 साल से भी ज्यादा पुराने पुल (Morbi bridge) की मरम्मत का ठेका कैसे मिल गया? भाषा की खबर के मुताबिक, गुजरात (Gujarat) के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई है.
लगा है ये आरोप
खबर के मुताबिक, मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज मोरबी पुल सात महीने पहले मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था और इसे 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष के मौके पर फिर से खोला गया था.यह ‘झूलता पुल’ के नाम से मशहूर था. इस साल मार्च में ओरेवा ग्रुप (OREVA Group) को मोरबी नगर निकाय ने पुल की मरम्मत और देखरेख का ठेका दिया था. ऐसा आरोप है कि पुल ( Morbi bridge collapse) को बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोल दिया गया.
ग्रुप की 800 करोड़ रुपये है आय
करीब पांच दशक पहले ओधावजी राघवजी पटेल द्वारा स्थापित कंपनी मशहूर अजंता और ओरपैट ब्रांड के तहत दीवार घड़ी बनाती है. पटेल का 88 वर्ष की आयु में इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था. वह 1971 में 45 साल की उम्र में कारोबार में हाथ आजमाने से पहले एक स्कूल में विज्ञान के शिक्षक थे. करीब 800 करोड़ रुपये की आय वाला अजंता ग्रुप अब घरेलू और बिजली के उपकरण, बिजली के लैम्प, कैलकुलेटर, चीनी मिट्टी के प्रोडक्ट्स और ई-बाइक बनाता है.
उद्योग जगत में कम लागत के लिए पहचाने जाने वाला ओरेवा ग्रुप (OREVA Group) देशभर में 55,000 साझेदारों के जरिए अपने उत्पादों को बेचता है. गुजरात के कच्छ में समाखियाली में उसका भारत का सबसे बड़ा मैनुफैक्चरिंग प्लांट है जो 200 एकड़ से भी ज्यादा में फैला हुआ है.
टूटने का दिया गया ये तर्क
कंपनी के प्रबंधन से इस पर टिप्पणी नहीं मिल सकी है लेकिन समूह के प्रवक्ता ने दुर्घटना के तुरंत बाद कहा था कि पुल इसलिए टूटा क्योंकि पुल (Morbi bridge collapse) के बीच में कई सारे लोग इसे एक तरफ से दूसरी तरफ झुलाने की कोशिश कर रहे थे. अजंता ट्रांजिस्टर क्लॉक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के तहत दीवार घड़ी बनाने से शुरुआत करने वाले मोरबी स्थित ओरेवा ग्रुप ने कई क्षेत्रों में अपना कारोबार फैलाया. ओरेवा ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि उसके यहां 6,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं लेकिन उसने अपने निर्माण कारोबार का कोई उल्लेख नहीं किया है.