सूखे का सामना कर रहे मध्य प्रदेश में हो रही रिकॉर्ड बारिश, हर तरफ पानी ही पानी
Monsoon : चार महीने पहले, मध्य प्रदेश 52 जिलों में से 36 में लगभग 4,000 गांव गंभीर रूप से सूखे की स्थिति में थे. पिछले साल एक कमजोर मानसून ने इन इलाकों को लगातार तीसरे साल सूखे से सामना करवा दिया था. पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया था कि 40 नदियां जो इन गांवों को पानी देती थीं, वो सूख चुकी थीं.
17 अगस्त कर राज्य में कुल 729.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है. (पीटीआई)
17 अगस्त कर राज्य में कुल 729.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है. (पीटीआई)
मानसून के छह सप्ताह अभी बाकी ही हैं और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बारिश अपने 13 साल पहले के रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में है. उस समय भोपाल में 168.64 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. अभी जो बारिश की सूरत है, उससे ऐसा नहीं लगता कि रिकॉर्ड टूटने में कोई ज्यादा समय लगेगा, क्योंकि अभी तक भोपाल में 111.49 मिलीमीटर बारिश मानसून के चौथे सप्ताह में ही दर्ज हो गई है. यह हर साल 10 सप्ताह के मानसून में होने वाली बारिश का 73 प्रतिशत अभी ही हो चुकी है. इस साल बारिश पूरे राज्य में रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है.
सीनियर मौसम वैज्ञानिक ए. के. शुक्ला कहते हैं कि वर्ष 2006 में सिर्फ अगस्त में ही 90.9 मिलीमीटर दर्ज की गई थी. इस साल हो रही बारिश के तेवर वैसे ही दिख रहे हैं. इस महीने और 57 मिलीमीटर बारिश होने से इनकार नहीं किया जा सकता. दो महीने पहले शहर की 11वीं शताब्दी की अपर लेक झील ने 1552 फीट का स्टोरेट लेवल छू लिया था. अब यह पिछले एक पखवाड़े में फुल टैंक लेवल को तीन बार छू गई है.
चार महीने पहले, मध्य प्रदेश 52 जिलों में से 36 में लगभग 4,000 गांव गंभीर रूप से सूखे की स्थिति में थे. पिछले साल एक कमजोर मानसून ने इन इलाकों को लगातार तीसरे साल सूखे से सामना करवा दिया था. पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया था कि 40 नदियां जो इन गांवों को पानी देती थीं, वो सूख चुकी थीं. अब स्थिति दूसरी है. पिछले दो सप्ताह में राज्य में करीब 30 से लेकर 50 प्रतिशत तक ज्यादा बारिश हो चुकी है.
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बेतुल जिले के मंदसौर में शनिवार को एक महिला और उसकी बेटी समेत चार लोग डूब गए थे और इस दिन निचले इलाकों में रह रहे करीब 3000 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया. मौसम विभाग ने भारी बारिश होने की बात कही है. राज्य में नर्मदा, क्षिप्रा, बेतवा, ताप्ती, तवा, चंबल और पार्वती जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.
(पीटीआई)
राज्य के राजस्व और राहत विभाग की अतिरिक्त सचिव जी वी रश्मि ने बताया कि राज्य में नर्मदा, क्षिप्रा, बेतवा, ताप्ती, तवा, चंबल और पार्वती जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं. अब तक डूबने से 49 मौतें हो चुकी हैं और 16 अगस्त तक बिजली गिरने से 15 अन्य की मौत हो चुकी है. अधिक बारिश का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि 17 अगस्त कर राज्य में कुल 729.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है. यह औसतन 614.8 मिलीमीटर बारिश से करीब 19 प्रतिशत ज्यादा है. राज्य के 33 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है.
11:13 AM IST