Monsoon 2023: आखिर तुम्हें आना है.. जरा देरी लगेगी.. बारिश का बहाना है.. जरा देरी लगेगी. बारिश की बौछार लेकिन मॉनसून का है इंतजार. उफ्फ ये वक्त कटता नहीं है. किसान से लेकर आम पब्लिक को इंतजार है. बारिश का इंतजार. खरीफ फसलों (Kharif season) और मॉनसून (Monsoon 2023) में भीगने का सीजन तो यही है. फिर क्यों पसीना छूट रहा है? वजह है मौसम विभाग (IMD) की भविष्यवाणी. वो भविष्यवाणी जो 18 साल में सिर्फ 1 बार फेल हुई. लेकिन, इस भविष्यवाणी से चिंता इस बात की है कि गर्मी प्रचंड रूप लेगी और मॉनसून की ट्रेन पटरी पर देरी से पहुंचेगी. 

मॉनसून को लेकर क्या है चिंता वाली बात?

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दरअसल, मॉनसून (Monsoon 2023) की सुगबुगाहट अप्रैल से शुरू हो जाती है. क्योंकि, मौसम विभाग (indian meteorological department) सक्रिय तौर पर मॉनसून पर नजर रखना शुरू कर देता है. फिर आता है मई. यहां से शुरू होती है हलचल. क्योंकि, मई में एकदम पक्का टाइप पूर्वानुमान आता है कि मॉनसून केरल कब पहुंचेगा. देश में मॉनसून की शुरुआत यहीं से होती है. दक्षिण भारत में सबसे पहले पहुंचने वाले मॉनसून (Southwest monsoon onset) को पूरे देश में फैलने में समय तो लगता है लेकिन उम्मीदों की बूंदें लोगों को भिगोए रहती हैं. लेकिन, इस बार मामला थोड़ा अलग है. पहली बात मॉनसून में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. सामान्य बारिश से मतलब है कि बारिश कम होगी, कुछ इलाकों में अच्छी हो सकती है तो कुछ इलाके बूंद को तरस सकते हैं. दूसरी बड़ी वजह ये देरी से चल रहा है. मतलब इस बार केरल पहुंचने में मॉनसून को जरा देर लगेगी...

आखिर मामला क्या है?

मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि इस बार मॉनसून देर से केरल पर दस्तक देगा. आमतौर पर ये 1 जून को केरल (Monsoon in Kerala) पहुंचता है. लेकिन, इस बार 3 दिन की देरी के साथ 4 जून को इसके पहुंचने की उम्मीद है. साल 2022 में 29 मई को केरल में मॉनसून ने दस्तक दी थी. वहीं, 2020 में मॉनसून 1 जून को ही केरल पहुंचा था. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब मॉनसून में देरी हुई हो. आमतौर पर भी मॉनसून में 7 दिनों की देरी या जल्दी शामिल होती है. केरल का मॉनसून ही देश के अन्य हिस्सों में भी बारिश बढ़ाने का काम करता है. ये गर्म और शुष्क हवाओं को बारिश में बदलने का काम करता है. 

एक नहीं मॉनसून पर दो भविष्यवाणी

मॉनसून को लेकर सिर्फ एक मौसम विभाग की भविष्यवाणी ही नहीं है. बल्कि प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट का भी कहना है कि इस साल केरल तक मॉनसून को पहुंचने में 7 जून तक देरी हो सकती है. स्काईमेट (Skymet) का मानना है कि मॉनसून पर अल नीनो का भी इम्पैक्ट देखने को मिल सकता है. इसके अलावा एक विशाल चक्रवात भूमध्यरेखीय अक्षांश और दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण हिंद महासागर के ऊपर बढ़ रहा है. इसके बने रहने तक मॉनसून का बहाव रुक रहा है. लेकिन, एक हफ्ते में इसके साफ होने की उम्मीद है. तब मॉनसून आगे की तरफ रफ्तार से बढ़ेगा. समुद्र की स्थितियां फिलहाल 7 जून से पहले मॉनसून के अनुकूल नहीं हैं. 

18 साल में सिर्फ एक बार हुआ ऐसा

IMD के मुताबिक, पिछले 18 साल में ऐसा सिर्फ 1 बार हुआ है, जब मॉनसून को लेकर पूर्वानुमान गड़बड़ हुआ हो. मौसम विभाग की 2015 की भविष्यवाणी को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने के सभी पूर्वानुमान सही साबित हुए हैं. पिछले साल भी मौसम विभाग ने कहा था कि 30 मई तक मॉनसून केरल में दस्तक देगा और ये 29 मई को ही पहुंच गया था. आमतौर पर मॉनसून की सटीक स्थितियों में भी 3 दिन का गैप हो सकता है.

पिछले 5 साल में मॉनसून?

2022 - 29 मई को केरल पहुंचा 

2021 - 3 जून को केरल में दस्तक दी

2020 - 1 जून को केरल में पहुंचा

2019 - 8 जून इस बार देरी से पहुंचा केरल

2018 - 29 मई को केरल में दस्तक दी

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