Monkeypox in India: भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में मिला है. राज्य की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज (Veena George) ने गुरुवार को बताया कि एक व्यक्ति जो कि विदेश से लौटा था, में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके सैंपल को जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया था. जार्ज ने इस बात की पुष्टि की उसे मंकीपॉक्स वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया है. यह UAE में एक मंकीपॉक्स के मरीज के निकट संपर्क में था.

रोगी की हालत स्थिर

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केरल की हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया. उन्होंने कहा कि रोगी की स्थिति स्थिर है. प्राथमिक संपर्कों की पहचान की जा चुकी है, जिसमें उसके पिता, माता, टैक्सी चालक, ऑटो चालक, और उसी उड़ान के 11 यात्री जो बगल की सीटों पर थे, शामिल हैं. 

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है और इसके लक्षण चेचक के मरीजों के जैसे होते हैं. हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) एक व्यक्ति के किसी पीड़ित व्यक्ति के घावों, शरीर के लिक्विड, सांस और बिस्तर जैसी दूषित चीजों के संपर्क में आने से फैलता है. मंकीपॉक्स का क्लिनिकल प्रजेंटेशन चेचक से मिलता जुलता है. जो कि ऑर्थोपॉक्स वायरस संक्रमण है. जिसे 1980 में दुनियाभर में समाप्त घोषित कर दिया गया था. 

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कब आया था पहला मामला

इंसानों में मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक 9 महीने के लड़ने में हुई थी, जहां 1968 में चेचक को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद से मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से सामने आए हैं. 

अफ्रीका के बाहर पहला मामला

अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स का पहला मामला 2003 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में सामने आया था. यह पालतू प्रैरी कुत्तों के संपर्क से फैला था, जिन्हें गैम्बियन पाउच वाले चूहों और डॉर्मिस के साथ रखा गया था. इन चुहों को घाना से इम्पोर्ट किया गया था.