आयकर विभाग (Income tax) को जीरो करप्‍शन स्‍तर पर लाने के लिए मोदी सरकार लगातार अफसरों को जबरन रिटायर कर रही है. अब सरकार ने भ्रष्टाचार के कथित आरोपों के कारण आयकर विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को मौलिक नियम 56 (J) और जनहित के तहत बर्खास्त कर दिया गया है. पिछले कुछ दिनों के दौरान यह चौथा मौका है, जब अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

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49 अफसर पहले निपटे

इससे पहले आयकर विभाग के 49 अधिकारियों, जिनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के 12 अधिकारी भी शामिल हैं, को इसी नियम के तहत जबरन रिटायरमेंट पर भेज दिया गया था.

56(J) के तहत कार्रवाई

आधिकारिक सूत्र ने बताया कि शुक्रवार को 15 वरिष्ठ अधिकारियों को मौलिक नियम 56(J) और जनहित के तहत बर्खास्त कर दिया गया है. भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से हटाए जाने वालों में प्रधान आयुक्त (आयकर) ओ.पी. मीणा, आयकर कमिश्नर (सीआईटी) शैलेंद्र ममिदी और सीआईटी पी.के. बजाज शामिल हैं.

ITO हटाए गए

इसके साथ ही वरिष्ठ आयकर अधिकारी (आईटीओ) संजीव घई, के. जयप्रकाश, वी. अप्पला राजू, राकेश एच. शर्मा और नितिन गर्ग भी राजस्व सेवा से हटा दिए गए हैं.

घूस लेने का आरोप

कुछ अधिकारियों पर आरोप है कि जिन अधिकारियों की छुट्टी की गई है, उन्होंने टैक्स के मामलों को निपटाने के लिए रिश्वत ली थी.