बड़ी खबर: मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, चीनी निर्यात पर मिलेगी सब्सिडी, 5 करोड़ किसानों को फायदा
किसानों आंदोलन (farmers movement) के बीच केंद्र सरकार (central government) ने बुधवार को किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है.
किसानों आंदोलन (farmers movement) के बीच केंद्र सरकार (central government) ने बुधवार को किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है. मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में चीनी निर्यात (sugar exports) पर सब्सिडी (Subsidy) देने का फैसला लिया गया है. सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में भेजा जाएगा. सरकार का दावा है कि इस फैसले से पांच करोड़ किसानों को फायदा होगा. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने स्पेक्ट्रम की नीलामी (spectrum auction) करने का भी फैसला लिया है.
सीधे खाते में आएगा सब्सिडी का पैसा Subsidy will come directly into the account
कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) ने बुधवार को बताया कि ''कैबिनेट ने सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में भेजने का फैसला लिया है. 60 लाख टन चीनी निर्यात पर 6000 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दी जाएगी.'' उन्होंने कहा कि इस फैसले से 5 करोड़ किसानों और चीनी मिलों में काम करने वाले 5 लाख श्रमिकों (sugar mills) की मदद होगी.
देश की चीनी की खपत 260 लाख टन Country's sugar consumption 260 million tons
जावड़ेकर ने कहा, ''इस साल चीनी का उत्पादन (sugar production) 310 लाख टन होगा. देश की खपत (country's consumption) 260 लाख टन है. चीनी का दाम कम होने की वजह से किसान (farmers) और इंडस्ट्री (industry) संकट में है. इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है.'' उन्होंने आगे बताया कि 3500 करोड़ रुपए की सब्सिडी, प्रत्यक्ष निर्यात का मूल्य 18000 करोड़ रु. किसानों के खाते में जाएगा. इसके अलावा घोषित सब्सिडी (declared subsidy) का 5361 करोड़ रुपया एक सप्ताह में किसानों के खाते में जमा कर दिया जाएगा.
स्पेक्ट्रम की नीलामी को भी मिली मंजूरी Spectrum auction also got approval
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union Minister Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन (spectrum allocation) के अगले दौर के लिए नीलामी को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. आखिरी नीलामी 2016 में हुई थी. कैबिनेट ने 20 साल की वैधता अवधि के लिए 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज (MHz), 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी है. कुल 2251.25 मेगाहर्ट्ज की कुल वैल्यूएशन 3,92,332.70 करोड़ रुपये की गई है.
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