ट्रैफिक नियमों को नहीं मानने और हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हर साल हजारों लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है. इसलिए, परिवहन विभाग की तरफ से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है कि वे हमेशा हेलमेट पहन कर चलें. चालान से बचने के लिए मार्केट में सस्ता हेलमेट बिकता है. लेकिन, नए साल में दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने हेलमेट की गुणवत्ता को लेकर नए मानक तय कर दिए हैं.

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परिवहन मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 15 जनवरी से केवल ISI प्रमाणित हेलमेट्स ही बेचे जा सकते हैं. अगर, हेलमेट बनाने वाली कंपनी मानकों का पालन नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. हेलमेट बेचने वालों को 2 साल जेल या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.  साथ ही हेलमेट की बिक्री करने वालों और इनका भंडारण करने वालों पर भी यह मानक लागू होंगे.

बिना वारंट के होगी गिरफ्तारी

नए नियम के मुताबिक, हेलमेट बनाने वाले, स्टोर करने वाले और बेचने वालों को बिना किसी वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता है. सरकार के इस फैसले की टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सराहना की है. एसोसिएशन का कहना है कि जिस तरह नकली दवा जहरीली होती हैं, उसी तरह बिना ISI होलमार्क वाले हेलमेट नकली होते हैं.

 

क्या हैं नए मानक?

  • 15 जनवरी के बाद केवल ISI हॉलमार्क वाले हेलमेट बेचे जाएंगे.
  • यह हेलमेट ब्यूरो आफ इंडियन स्टेंडर्ड (‌BIS) के IS 4151:2015 के मानकों पर खरे होने चाहिए.
  • हेलमेट का वजन 1.2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • बिना ISI मानक बनाने, बेचने और भंडारण करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी.
  • इंडस्ट्रियल हेलमेट पहनने वालों पर की जाएगी कार्रवाई.