केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को 3 अहम प्रस्‍तावों को मंजूरी दे दी है. इनमें मोटर व्हीकल (Motor Vehicle) अमेंडमेंट बिल, कंज्यूमर प्रोटेक्शन (Consumer Protection) बिल और NIA अमेंडमेंट बिल शामिल है. 'जी बिजनेस' को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए मोटर व्हीकल बिल में संशोधन को मंजूरी दी है. अब इन विधेयकों को संसद के मौजूदा बजट सत्र में मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है.

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क्‍या है बिल में

मोटर व्‍हीकल बिल में संशोधन से अब सड़क दुर्घटना और नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माना देना होगा. साथ ही DL (ड्राइविंग लाइसेंस) को डिजिटल रूप से और सुरक्षित बनाने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं. वाहन रजिस्‍ट्रेशन में RTO दफ्तरों में एजेंटों की कमिशनखोरी खत्‍म करने के लिए बिल में संशोधन किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार कैबिनेट से मंजूर बिल को मौजूद बजट सत्र में पेश कर सकती है.

पिछली बार पास नहीं पाए थे ये बिल

दरअसल ये वे बिल हैं जो पिछली मोदी सरकार में भी संसद तक तो पहुंचे लेकिन संख्या बल कम होने के कारण मोदी सरकार इनको पारित नहीं करा पाई.मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अब सरकार नए सिरे से इन विधेयकों को पारित करने के लिए प्रक्रिया के तहत कदम बढ़ा रही है.

NIA अमेंडमेंट बिल

सूत्रों ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कानून और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून को संशोधित करने के लिए आगामी दिनों में संसद में अलग-अलग विधेयक लाए जाएंगे. प्रस्ताव से अवगत सूत्रों ने बताया कि संशोधन से NIA साईबर अपराध और मानव तस्करी के मामलों की जांच कर पाएगी. यूएपीए की अनुसूची 4 में संशोधन से एनआईए आतंकवाद से जुड़े संदिग्ध लोगों को आतंकी घोषित कर पाएगी. अभी केवल संगठन को ‘आतंकी संगठन’ घोषित किए जाते हैं. मुंबई में आतंकी हमले के बाद 2009 में एनआईए की स्थापना की गई थी.

प्रॉक्‍सी वोटिंग बिल नहीं हुआ पेश

इसके अलावा विदेशों में रहने वाले भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग की सुविधा प्रदान करने से जुड़ा विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को सोमवार को नहीं लाया जा सका. इसी तरह का 1 विधेयक पिछले महीने 16वीं लोकसभा के भंग होने के बाद निरस्त हो गया था.