प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिसमें चिटफंड कंपनियों के डिपॉजिट पर लगाम और 3 हवाई अड्डों को पट्टे पर देना शामिल है. कैबिनेट ने अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 को मंजूरी दी है. यह विधेयक अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी अध्‍यादेश, 2019 का स्‍थान लेगा. नया विधेयक देश में चिटफंड कंपनियों और ऐसी ही दूसरी स्कीम द्वारा अवैध रूप से जमा किये जा रहे पैसे निपटने में मदद करेगा. इस समय अवैध जमा योजनाएं रेग्युलेटरी कमियों का फायदा उठाते हुए गरीब लोगों की गाढ़ी कमाई को ठग लेती हैं.

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इसके अलावा कैबिनेट ने पीपीपी मॉडल के तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के 3 हवाई अड्डों अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बोली दस्तावेजों के नियमों और शर्तों के अनुसार इन हवाई अड्डों के संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए 50 साल की लीज अवधि के लिए सबसे अधिक बोली लगाई. माना जा रहा है कि हवाई अड्डों को लीज पर देने से वितरण, विशेषज्ञता, उद्यम और व्यावसायिकता में बढ़ोतरी होगी. इससे एएआई के राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे एएआई द्वारा टियर-2 और टियर-3 शहरों में निवेश किया जा सकता है और रोजगार सृजन व संबंधित बुनियादी ढांचे की दृष्टि से इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास होगा.

इसके अलावा कैबिनेट ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सेवा को संगठित समूह 'क' का दर्जा देने और समूह ए कार्यकारी कैडर अधिकारियों को संगठित समूह ए सेवा प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. सरकार का कहना है, 'आरपीएफ को संगठित समूह ‘क’ सेवा का दर्जा देने से सेवा में स्थिरता समाप्त होगी, अधिकारियों की कैरियर प्रगति में सुधार होगा और उनका प्रेरणात्मक स्तर कायम रहेगा. आरपीएफ के योग्य अधिकारी लाभान्वित होंगे.'