Model Tenancy Act को कैबिनेट मंजूरी- किरायेदार-मकान मालिक को मिलेंगे कई अधिकार, जानें डीटेल
Model tenancy act: नए कानून में राज्य सरकारों को नए नियम लागू करने की अनुमति भी दी गई है. सरकार ने कहा है कि इससे देशभर में रेंटल हाउसिंग सेक्टर को मदद मिलेगी.
देश में रेंटल हाउसिंग के क्षेत्र में सुधार के लिए कैबिनेट ने एक मसौदे को मंजूरी दी है. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से अपनाए जाने के लिए मॉडल किरायेदारी अधिनियम (model tenacny act) के मसौदे को मंजूरी दे दी. यह किरायेदार (Tenant) या रेंटल क्षेत्र (Rental Housing Sector) से जुड़े लोगों के लिए बड़ी खबर है. साथ ही नए कानून में राज्य सरकारों को नए नियम लागू करने की अनुमति भी दी गई है. सरकार ने कहा है कि इससे देशभर में रेंटल हाउसिंग सेक्टर को मदद मिलेगी.
मॉडल टेनेंसी एक्ट का मसौदा अब राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा. राज्य इसको ध्यान में रखते हुए नया कानून बना सकते हैं या फिर मौजूदा किरायेदार कानून में जरूरी संशोधन कर सकते हैं. कैबिनेट ने माना कि नए कानून के तहत क्षेत्र में कानूनी व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी. इस कानून के तहत सरकार ने बेघरों के मुद्दे को भी ध्यान में रखा है.
क्या होगा फायदा
कैबिनेट के मुताबिक, नए बदलावों के बाद रेंटल कानूनों में सुधार लाया जा सकेगा. इससे देशभर में किराए पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा. इसमें कहा गया है कि मॉडल किराएदारी अधिनियम का मकसद देश में एक विविधतापूर्ण, टिकाऊ और समावेशी किराए के लिए आवासीय बाजार तैयार करना है. कहा जा रहा है कि इस कानून के संबंध में लंबे समय से चर्चा चल रही थी. जानकार कानून में बदलाव की मांग कर रहे थे.
मॉडल टेनेंसी एक्ट के आने के बाद खाली पड़े मकानों को किराएदारों के लिए खोलने की कवायद होगी. सरकार को उम्मीद है कि आवास की कमी को दूर करने के लिए रेंटल आय को एक व्यापार मॉडल के रूप में भी देखा जा सकेगा, जिसके चलते निजी क्षेत्र की साझेदारी भी बढ़ेगी.
किरायेदार को मिलेंगे कई अधिकार
इस कानून को लागू कराने का अधिकार राज्यों पर होगा. नया कानून बनने से किरायेदार के साथ-साथ मकान मालिक को भी कई अधिकार मिलेंगे. मकान या प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार में किसी बात को लेकर विवाद होता है, तो उसे सुलझाने का दोनों को कानूनी अधिकार मिलेगा. कोई किसी की प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकता. मकान मालिक भी किरायेदार को परेशान कर घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता. इसके लिए जरूरी प्रावधान बनाए गए हैं.