कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in India) महामारी covid 19 पर लगाम लगाने के लिए देश में लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. ऐसे में लोग सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing) को ध्यान में रखते हुए मोबाइल बैंकिंग या किसी ऐप के जरिए ही ट्रांजेक्शन कर रहे हैं. इस मौके का फायदा उठाते हुए साइबर क्रिमनल (Cyber criminal) भी काफी सक्रिय हो गए हैं. बड़े पैमाने पर लोगों से ठगी के प्रयास किए जा रहे हैं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से आम लोगों की जागरूकता के लिए शुरू किए गए ट्वीटर हैंडल (Tweeter handle) @CyberDost के जरिए कुछ टिप्स बताए गए हैं जिनका ध्यान रख कर आप मोबाइल के जरिए बैंकिंग या ऐप के जरिए ट्रांजेक्शन करने के दौरान ठगी से बच सकते हैं.

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प्राइवेसी सेटिंग को जरूर चेक कर लें

आज बड़ी संख्या में लोग मोबाइल से किसी थर्ड पार्टी के जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं. ऐसे में गृह मंत्रालय के साइबर दोस्त के मुताबिक मोबाइल में कोई भी थर्ड पार्टी मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करने से पहले उसकी प्राइवेसी सेटिंग को जरूर चेक कर लें.  इस सेटिंग में किसी भी ऐसे डेटा का ऐक्सेस सभी को न दें जिससे ठगी की संभावना हो.  

लगातार अपडेट करें अपने सॉफ्टवेयर

मोबाइल में इस्तेमाल किए जाने वाले थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर में लगातार सुधार करती रहती हैं. कंपनियां सॉफ्टवेयर में सुरक्षा के लिए कई तरह की फायरवॉल भी अपेडेट करती रहती हैं.  ऐसे में समय समय पर अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना जरूरी है.  आपको किसी मेल या मैसेज के जरिए अगर कोई अपडेट भेजा जाए तो उसे भी क्लिक न करें.  इससे आपसे ठगी की जा कसती है.  

अपनी गोपनीय जानकारी किसी को न दें

आप अपने फोन के या ऐप के पासवर्ड किसी को भी न बताएं, कई मामले में ये देखा जाता है कि कोई करीबी ही आपकी गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग कर आपको नुकसान पहुंचा देता है.  

 

नेट बैंकिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान

 

वेब एड्रेस चेक करें

@CyberDost के मुताबिक अगर आप किसी किसी बैंक की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने जा रहे हैं तो पहले ये सुनिश्चित कर लें कि आप बैंक की सही वेबसाइट पर हैं.  साथ ही आप बैंक की वेबसाइट पर जाने पर ब्राउजर पर लॉक का निशान देखें. अगर ये निशान दिखता है तो इसका मतलब है कि वेबसाइट सुरक्षित है.  

इस बात का रखें ध्यान

किसी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के पहले ब्राउजर में वेबसाइट के एड्रेस के आगे  https लिखा हुआ देखते हैं तो आप समझ लीजिए कि ये वेब एड्रेस सिक्योर है. दरअसल https में लिखा हुआ s सिक्योर को दर्शाता है.  इसका मतलब है कि वेबपेज के जरिए जो संवाद कर रहे हैं वो इनक्रिप्टेड है.

नियमित रूप से लॉगइन करें

अपने नेट बैंकिंग अकाउंट में नियमित रूप से लॉगइन करें और देखें कि आपकी बिना जानकारी के कोई ट्रांजेक्शन तो नहीं हुआ. अगर आपको किसी तरह के ट्रांजेक्शन का संदेह होता है तो तुरंत अपने बैंक से  इसकी शिकायत करें.

कस्टम केयर नम्बर सेव करके रखें

अपने बैंक के कस्टम केयर नम्बर को फोन में सेव करके रखें. अगर आपको कभी भी लगता है कि आपके साथ कोई ठगी का प्रयास कर रहा है या आपके खाते में आपकी जानकारी के बिना कोई ट्रांजेक्शन हुआ है तो इसकी जानकारी तुरंत बैंक को दें.

 

यहां दर्ज कराएं शिकायत

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अगर आपसे ऑनलाइन ठगी का प्रयास हुआ है या आपको साइबर क्राइम से संबंधित और कोई शिकायत है तो आप अपनी शिकायत http://cybercrime.gov.in पर भेज सकते हैं.  इस शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी.