बच्चों के लिए खतरनाक है मोबाइल फोन, लत छुड़ाने के लिए मां-बाप ले रहे हैं कोचिंग
आज घरों में देखें या फिर पार्क में, शॉपिंग माल हो या रेस्टोरेंट, मां-बाप के हाथों का मोबाइल अब बच्चों के हाथों में ज्यादा दिखाई देता है. बच्चे को खाना खिलाना हो या फिर पढ़ाना, हाथों में मोबाइल हमेशा ऑन रहता है.

अमेरिका में तो बच्चों की मोबाइल की लत को छुड़ाने के लिए बकायदा कोच बुलाए जा रहे हैं. (Photo- Reuters)
आज घरों में देखें या फिर पार्क में, शॉपिंग माल हो या रेस्टोरेंट, मां-बाप के हाथों का मोबाइल अब बच्चों के हाथों में ज्यादा दिखाई देता है. बच्चे को खाना खिलाना हो या फिर पढ़ाना, हाथों में मोबाइल हमेशा ऑन रहता है. कभी अपनी सहूलियत के लिए बच्चों के हाथों में मोबाइल देने वाले मां-बाप अब बच्चों की इस आदत से परेशान हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये हालात सिर्फ भारत में हैं, बल्कि पूरे विश्व में हालात एक जैसे हैं. अमेरिका में तो बच्चों की मोबाइल की लत को छुड़ाने के लिए बकायदा कोच बुलाए जा रहे हैं.
याद करो वे दिन जब हर शाम मोहल्ले की गलियां बच्चों के शोर से गूंज उठा करती थीं. लेकिन आज वह शोर, ठहाके, वह लड़कपन और वह उधम मोबाइल की दुनिया में कही खो गया है. क्योंकि बच्चों का अब ज्यादातर वक्त खेलने में तो बीतता है लेकिन मोबाइल पर. आलम ये है कि बच्चे को खाना भी खाना हो तो एक हाथ में मोबाइल चाहिए.
मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए कोचिंग
बच्चों में मोबाइल की लत इस कदर हो गई है कि बच्चे अपने परिवार और समाज से दूर होते जा रहे हैं. उनकी इस आदत को छुड़ाने के लिए विदेशों में तो कोच की मदद ली जा रही है. कोच बताते हैं कि माता-पिता को क्या करना चाहिए और क्या नहीं. और इस काम के लिए कोच मोटी फीस भी वसूल रहे हैं. मोबाइल छुड़ाने की कोचिंग अमेरिका में तेजी से बढ़ रही है. कई जगहों पर कोचिंग सेंटर भी खुल गए हैं. ये सेंटर एक घंटे की क्लास के 80 से 250 डॉलर तक चार्ज कर रहे हैं.
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#LIVE | कोच बुलाओ बच्चों के मोबाइल की लत छुड़वाओ। देखिए #AapkiKhabarAapkaFayda @pallavi_nagpal के साथ। https://t.co/hJEK0otY7O
— Zee Business (@ZeeBusiness) 8 जुलाई 2019
हालांकि विशेषज्ञ बच्चों की इस के लिए खुद माता-पिता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जानकार बताते हैं कि कुछ माता-पिता बच्चोँ का मन बहलाने के लिए उनके हाथों में मोबाइल थमा देते हैं. खुद माता-पिता बच्चों को अपने से दूर रखने के लिए उनको मोबाइल गेम का चस्का लगा देते हैं.
मोबाइल की लत छुड़ाने के बाजार
बच्चों में बढ़ती मोबाइल फोन की आदत को भुनाने में कई कंपनियां भी मैदान में हैं. फेसबुक में बच्चों के लिए मेसेंजर किड्स है. हालांकि, ये अभी भारत में नहीं आया है. यूट्यूब पहले ही यूट्यूब किड्स चला रहा है. यूट्यूब पर ही बच्चों के लिए कई चैनल्स मौजूद हैं, जिन पर नर्सरी राइम्स, कहानियां जैसी चीजें मौजूद हैं. इसके अलावा गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर बच्चों के लिए कई ऐप्स मौजूद हैं.
वजह चाहे कुछ भी हो, हालात कैसे भी हों, जानकार बताते हैं कि बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन देना उनका बचपन छीनना जैसा होता है. मोबाइल फोन पर कितनी भी अच्छी चीजें मौजूद हों, माता-पिता कितने भी दावे करें कि उनका बच्चा मोबाइल फोन से कई चीजें सीख रहा है, लेकिन सचाई यही है कि बचपन खेलने के लिए है, मोबाइल फोन में आंखें गड़ाने के लिए नहीं.
07:56 PM IST