लॉकडाउन में श्रमिकों को बड़ी राहत, मनरेगा के कामों को मिली मंजूरी
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार ऐसे कार्य को अनुमति दी गई है, जिसमें 3-4 से अधिक लोगों के रोजगार की आवश्यकता नहीं होती है.
कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के फैलाव को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) को बढ़ाकर 3 मई तक के लिए कर दिया है. हालांकि इस लॉकडाउन में सरकार ने कुछ कामों को छूट देने का ऐलान किया है. इन छूटों में सबसे बड़ी राहत श्रमिक वर्ग को मिली है. सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा-MNREGA) के तहत होने वाले कामों को लॉकडाउन से छूट देने का फैसला किया है. मनरेगा के तहत कामों 20 अप्रैल से शुरू किए जा सकते हैं.
कुछ शर्तों के साथ सरकार ने मनरेगा के कामों (MNREGA works) को छूट दी है. निर्माण कार्य के दौरान श्रमिकों को चेहरे को मास्क या किसी कपड़े से ढकना होना और उन्हें सामाजिक दूरी (social distancing) के नियमों का पालन करना होगा.
मनरेगा के कामों को छूट मिलने से ग्रामीण इलाकों में बंद पड़े निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे और गांवों में रहने वाले श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इससे श्रमिक वर्ग के लोगा एक ही जगह रहेंगे. सरकार ने इस कदम से लॉकडाउन के दौरान अपने गांवों में वापस लौटे लाखों श्रमिकों को राहत मिलेगी.
202 रुपये की मजदूरी के साथ 100 दिन का काम
मनरेगा के तहत श्रमिकों को उनके ही गांव में एक साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाता है. 1 दिन के काम के एवज में श्रमिक को 202 रुपये मेहनताना दिया जाता है. देशभर में 7.6 करोड़ परिवार इस योजना से जुड़े हुए हैं.
इन कामों को करने की मंजूरी
मनरेगा के तहत सिंचाई और जल संरक्षण से जुड़े कामों की अनुमति दी जाएगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार ऐसे कार्य को अनुमति दी गई है, जिसमें 3-4 से अधिक लोगों के रोजगार की आवश्यकता नहीं होती है. इससे लगभग 5 करोड़ परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है.
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यूपी सरकार ने दी थी राहत
लॉकडाउन के पहले चरण में उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड श्रमिकों के खातों में 611 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. राज्य के करीब 27.5 लाख श्रमिकों के खातों में यह राहत राशि भेजी गई थी.