बैंक धोखाधड़ी में फंसे मेहुल चोकसी ने कहा है कि वह घोटाले के लिए जांच के घेरे में आई किसी भी कंपनी में भागीदार नहीं थे. वह उन कंपनियों से 2000 में ही अलग हो गए थे. चोकसी के वकीलों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उनके खिलाफ छापे गए एक पुराने दस्‍तावेज ‘अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ के आधार पर माने गये. उन्होंने वह दस्तावेज 1995 में पंजाब नेशनल बैंक को सौंपा था.

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बयान के अनुसार, 'चोकसी ने कई बार केवाईसी में सुधार के लिए कहा था. वह उस किसी भी कंपनी में भागीदार नहीं हैं जो कथित घोटाले के कारण जांच के घेरे में है. वास्तव में चोकसी ने 2000 में ही इन कंपनियों से नाता तोड़ दिया था. उसने कहा कि संपत्ति जब्त होने के कारण वह कर्ज लौटाने की स्थिति में नहीं है.'

बयान के अनुसार, 'इस परिस्थिति में चोकसी से किसी भी बकाये कर्ज को चुकाने की उम्मीद नहीं की जा सकती. चोकसी, 25 साल तक पीएनबी का ग्राहक रहा और एक बार भी कर्ज लौटाने में उससे चूक नहीं हुई.'

चोकसी तथा उसका रिश्तेदार नीरव मोदी दोनों आभूषण दुकानों के मालिक थे और दोनों ने कथित रूप से पंजाब नेशनल बैंक के दो कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया.

चोकसी की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि चोकसी ने पीएनबी अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें उसे यह संकेत दिया गया कि मामले को सौहादपूर्ण तरीके से निपटा दिया जायेगा. लेकिन पीएनबी अधिकारियों ने बार बार उसके आग्रह को नजरअंदाज किया और पूराने केवाईसी दस्तावेज को अपने आरोपों का आधार बनाया.