Measles Outbreak: कोरोना महामारी के आने के बाद से लगातार किसी न किसी बीमारी का आतंक छाया हुआ है. कोरोना, डेंगू जैसी बीमारियों के बीच देश में अब खसरा (Measles) का आतंक भी तेजी से पैर पसार रहा है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने गुरुवार को बताया कि खसरे के 19 नए मामले और वायरस से संबंधित एक मौत दर्ज की है. BMC ने बताया कि दिन में 34 खसरा रोगियों अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 36 रोगियों को छुट्टी दे दी गई है. वहीं एक सर्वे के मुताबिक बुखार और शरीर पर दाने जैसे लक्षणों वाले 161 संदिग्ध खसरे के रोगी पाए गए. यह वायरल बीमारी बच्चों में ज्यादा होती है.

आ चुके हैं खसरा के इतने मामले

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इस साल की शुरुआत में मुंबई में खसरा (Measles cases in India) की संख्या बढ़कर 252 हो गई है. पूर्वी मुंबई के गोवंडी इलाके में खसरे से पीड़ित एक आठ महीने के बच्चे की गुरुवार दोपहर शहर के एक अस्पताल में मौत हो गई. इसी के साथ अभी तक खसरा से 13 मौतें हो चुकी हैं.

4 करोड़ बच्चों को नहीं लगी वैक्सीन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यू.एस. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों (U.S. Centers for Disease Control and Prevention) का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से खसरा वैक्सीनेशन (Measles Immunisation) में काफी गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल लगभग 4 करोड़ बच्चों को टीके की खुराक नहीं मिली. एक रिपोर्ट में, WHO और CDC ने कहा कि लाखों बच्चों पर दुनिया के सबसे संक्रामक रोगों में से एक खसरा (Measles) लाखों बच्चे अब खसरा का खतरा बरकरार है.

2021 में खसरा से हुई 1,28,000 मौतें

अधिकारियों ने बताया कि 2021 में दुनिया भर में लगभग 9 मिलियन खसरे के मामले सामने आए, जिनसे कुल 128000 मौतें हुए. WHO और CDC ने बताया कि इसका प्रकोप दुनिया के 20 देशों में सबसे अधिक है. इसके साथ ही कोरोना महामारी के कारण खसरा का वैक्सीनेशन भी प्रभावित हुआ.

कैसे फैलता है खसरा (How Measles Spread)?

आमतौर पर खसरा (Measles) सीधे हवा में फैलता है, जिसके बाद रोगी में बुखार, मांसपेशियों में दर्द और चेहरे और ऊपरी गर्दन पर, त्वचा पर दाने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. खसरे से होने वाली ज्यादातर मौतें दिमागी सूजन और डिहाईड्रेशन के चलते होती है. WHO का कहना है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों और 30 साल से अधिक उम्र वाले वयस्कों में इसका खतरा सबसे अधिक होता है.

कैसे होगा इलाज

रिपोर्ट के मुताबिक, खसरा (Measles) से होने वाली कुल मौतों में 95 फीसदी से अधिक हिस्सा विकासशील देशों से आता है. सबसे अधिक अफ्रीका और एशिया के देशों से. खसरे का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए दिए जाने वाले दो डोज वाली वैक्सीन गंभीर खतरे को 97 फीसदी तक कम कर देती है.