अगर बिल्डर आपको बुकिंग किए फ्लैट की वक्त पर डिलेवरी नहीं दे रहा है तो आपके पास रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा की शरण में जाने का विकल्प है. लेकिन अगर बिल्डर पूरी तरह से प्रोजेक्ट पूरा करने में अक्षम है तो घर खऱीददार ही बिल्डर को प्रोजेक्ट से बाहर कर नए बिल्डर की नियुक्ति कर सकते हैं.

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महाराष्ट्र रेरा जल्द ही नया सर्कुलर लेकर लाने वाली है जिसमें अगर 51 फीसदी घर खरीददार सहमत होते हैं तो बिल्डर को प्रोजेक्ट से बाहर किया जा सकता है. महारेरा के पास ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें बिल्डर या तो प्रोजेक्ट में देरी कर रहा है या बिल्डर प्रोजेक्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं है.  

महाराष्ट्र रेरा एक्ट के सेक्शन 7 के तहत होंगे. नए नियम होंगे जिससे 51 परसेंट घर खरीदारों की सहमति के बाद बिल्डर को प्रोजेक्ट से बाहर किया जा सकता है और बचा हुआ प्रोजेक्ट नए बिल्डर से पूरा करवाया जा सकता है. घर खरीदार अगर किसी भी प्रोजेक्ट की बुकिंग के बाद 10 फीसदी से ज्य़ादा रकम देता है तो एग्रीमेंट जरूरी होता है और एग्रीमेंट के बाद घर खरीदार की भी प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी होती है.

बिल्डर के प्रोजेक्ट से बाहर होने के बाद बिना बिके फ्लैट का अधिकार भी प्रोजेक्ट की सोसायटी के पास होता है और प्रोजेक्ट की सोसायटी बिना बिके फ्लैट्स की बिक्री कर सकती है. 50 फीसदी से ज्यादा फ्लैट की बिक्री होने पर सोसायटी बनाना जरूरी होता है.

महारेरा के नए नियम से बिल्डर की मनमानी पर नकेल कसेगी और घर खरीदार के पास अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ज्यादा विकल्प होंगे. रेरा अधिकारी के मुताबिक कुछ शर्तो में बदलाव के बाद नए नियमों का सर्कुलर जल्द जारी किया जाएगा

रेरा एक्सपर्ट रमेश प्रभु के मुताबिक, नए नियम के बाद डेवलपर ने अगर प्रोजेक्ट लगाए पैसे से ज्यादा घर खरीदार से लिए है तो घर खरीददार के पास रिकवरी का भी प्रावधान है और एक बार बिल्डर को प्रोजेक्ट से बाहर करने के बाद घर खरीदार नया बिल्डर का चुनाव कर प्रोजेक्ट पूरा कर सकते हैं.

 महाराष्ट्र रेरा के नए नियम

- घर खरीदारों को मिलेगी बिल्डर को बाहर करने की शक्ति.

- 51 फीसदी फ्लैट खरीदार बिल्डर को प्रोजेक्ट से बाहर कर सकेंगे.

- महाराष्ट्र रेरा एक्ट के सेक्शन 7 के तहत होंगे नए नियम.

- फ्लैट की 10 फीसदी कीमत देने के बाद एग्रीमेंट जरूरी.

- एग्रीमेंट के बाद खऱीदार प्रोजेक्ट में हिस्सेदार होता है.

- फ्लैट खरीदार प्रोजेक्ट को नए बिल्डर के जरिए पूरा कर सकते हैं.

- 50 फीसदी फ्लैट बिकने के बाद सोसायटी बनाना जरूरी.

- बिल्डर ने वसूल किया पैसा प्रोजेक्ट में नहीं लगाया तो रिकवरी का अधिकार.  

(मुंबई से अनुराग शाह की रिपोर्ट)