मध्य प्रदेश के छोटे व्यापारियों को अब गुमाश्ता कानून के तहत बनाए जाने वाले लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराना होगा. अब लाइसेंस एक बार ही बनाया जाएगा. यह ऐलान राज्य के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया. उन्होंने कहा कि राज्य में गुमाश्ता कानून के नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. इससे प्रदेश के लगभग 10 लाख से अधिक छोटे व्यापारी लाभान्वित होंगे.

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ज्ञात हो कि राज्य में दुकान खोलने के लिए छोटे व्यापारी या कारोबारी को गुमाश्ता कानून के तहत दुकान का लाइसेंस बनवाना होता है. इसके मुताबिक, शासन द्वारा निर्धारित श्रम कानून का दुकानदारों को पालन करना होता है.

महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के हित में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत गुमाश्ता कानून में नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने का निर्णय लिया है. अब राज्य में दुकान और स्थापना अधिनियम-1958 के प्रावाधनों के तहत छोटे दुकानदारों, स्थापनाओं एवं स्टार्ट-अप को बार-बार दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराना होगा. गुमाश्ता लाइसेंस के नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है.

नई व्यवस्था के अनुसार, दुकानदार और कारोबार करने वालों को पूरे व्यवसाय अवधि में एक बार ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा. अभी तक हर पांच साल में लाइसेंस नवीनीकरण कराना होता है. वर्तमान में गुमाश्ता कानून के तहत बनने वाले लाइसेंसों की चार श्रेणियां हैं, जिन्हें दो श्रेणी में किया गया है.