देश की नामी घरेलू गैस वितरण कंपनी इंडेन में जमा लाखों लोगों के आधार नंबर की डिटेल्स लीक हो गई है. फ्रांस के एक रिसर्चर ने दावा किया है कि उसने एक बड़ी सुरक्षा चूक का पता लगाया है. फ्रेंच रिसर्चर ने अपनी स्टडी में यह दावा किया है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मालिकाना हक वाली कंपनी पर डीलर्स और डिस्ट्रिब्यूटर्स की ओर से दिए गए आधार नंबरों को लीक करने का आरोप है. यदि यह बात सही है तो यह निजता के उल्लंघन का मामला है.

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ऑनलाइन हैंडल पर इलियट एल्डरसन नाम से मौजूद बाप्टिस्ट रॉबर्ट ने पहले भी आधार लीक के मामलों को उजागर किया है. सोमवार रात उन्होंने एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए कहा कि 67 लाख डीलर्स और डिस्ट्रिब्यूटर्स का आधार डेटा लीक हुआ है. 

इंडेन पर लगाया लीक का आरोप

एल्डरसन ने लिखा, 'लोकल डीलर्स के पोर्टल्स पर ऑथेंटिकेशन की कमी के चलते इंडेन ग्राहकों के आधार नंबर पर दर्ज नाम, पते और अन्य जानकारियों को लीक कर रही है.' कस्टम बिल्ट स्क्रिप्ट के जरिए एल्डरसन ने 11,000 डीलर्स के पास मौजूद 67 लाख उपभोक्ताओं के आधार डेटा को हासिल कर लिया. हालांकि, इंडेन ने बाद में उसके आईपी एड्रेस को ब्लॉक कर दिया. 

इंडियन ऑयल ने जारी की सफाई

हालांकि, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने मामले में सफाई जारी की है. कंपनी का कहना है कि आधार का कोई डाटा लीक नहीं हुआ है. इंडियन ऑयल ने कहा है कि उसके सॉफ्टवेयर में सिर्फ आधार नंबर दर्ज है, जो LPG सब्सिडी ट्रांसफर करने के लिए जरूरी है. इसके अलावा इंडियन ऑयल आधार से जुड़ी कोई जानकारी अपनी पास नहीं रखता है. इसलिए उसके पोर्टल के जरिए आधार डाटा लीक होने का सवाल ही नहीं है.