Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की, जो शिरोमणि अकाली दल (SAD) से फिर से गठबंधन करने संबंधी बातचीत की अटकलों के खत्म होने का संकेत है. भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने से आम चुनाव में इस सीमावर्ती राज्य में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. पंजाब में 13 लोकसभा सीट के लिए मतदान सात चरण वाले आम चुनाव के अंतिम चरण में एक जून को होगा. यह घोषणा शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भाजपा में संसदीय चुनाव के लिए फिर से गठबंधन करने संबंधी बातचीत की अटकलों के बीच की गयी है. 

भाजपा लड़ेगी अकेले चुनाव

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भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया मंच X पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "भाजपा पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने जा रही है."

 

भाजपा द्वारा अपने निर्णय की घोषणा के बाद SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हमारे लिए सिद्धांत संख्या के खेल से अधिक महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने पंजाब और समुदाय के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई. 

पंजाब के हित में लिया फैसला

जाखड़ ने कहा कि पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का भाजपा का फैसला लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर लिया गया. उन्होंने कहा कि यह फैसला पंजाब के भविष्य और युवाओं, किसानों, व्यापारियों, मजदूरों और वंचित लोगों की बेहतरी के लिए लिया गया है. उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब के लोग एक जून को भारी संख्या में वोट देकर भाजपा को और मजबूत करेंगे. 

तकरीबन एक सप्ताह पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने SAD से गठबंधन की संभावना पर कहा था कि बातचीत की जा रही है. हम सभी राजग दलों को एक साथ लाना चाहते हैं. हालांकि, SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल भाजपा के साथ बातचीत के मुद्दे पर कुछ कहने से बचते रहे. 

कृषि कानून के बाद टूटा था गठबंधन

SAD ने अब निरस्त किए कृषि कानूनों को लेकर सितंबर 2020 में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से संबंध तोड़ लिए थे. दोनों दलों ने 1996 में गठबंधन बनाया था और एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे. 2019 में उन्होंने पंजाब में दो-दो लोकसभा सीट जीती थी. जाखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा द्वारा किए काम किसी से छिपे नहीं हैं.

सीट बंटवारे पर नहीं बनी बात 

भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि पिछले 10 साल में किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी है तथा किसानों को एक सप्ताह में उनके बैंक खातों में पैसा मिला है. बताया जाता है कि भाजपा पंजाब में 13 में से छह लोकसभा सीटें मांग रही थी जबकि अकाली इस पर राजी नहीं थे. लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का संकेत देते हुए SAD ने शुक्रवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि वह सिद्धांतों को राजनीति से ऊपर रखना जारी रखेगी.

प्रस्ताव में केंद्र से अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके 'बंदी सिंहों' (सिख कैदियों) की रिहाई के लिए अपनी 'स्पष्ट रूप से लिखित प्रतिबद्धता' का सम्मान करने का अनुरोध किया था. उसने यह भी कहा था कि शिअद किसानों और कृषि मजदूरों के हितों की वकालत करता रहेगा और उनसे किए सभी वादे पूरे किए जाने चाहिए. 

SAD प्रमुख बादल ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि शिरोमणि अकाली दल कुछ राष्ट्रीय पार्टियों के विपरीत, केवल संख्या के खेल से प्रेरित एक राजनीतिक दल नहीं है. हम एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ 103 साल पुराना आंदोलन हैं और हम हमेशा सिद्धांतों के लिए इसके साथ खड़े रहे हैं. आगे भी हमारा यही लक्ष्य रहेगा. उन्होंने कहा कि हमारे लिए राजनीति से ऊपर सिद्धांत हैं और किसी राजनीतिक संख्या से ऊपर मुद्दे हैं. हम किसानों के सबसे बड़े लोकतांत्रिक और प्रतिनिधि संगठन हैं और हमने हमेशा उनके अधिकारों के लिए आगे बढ़कर लड़ाई का नेतृत्व किया है.