ICMR Guidelines: केंद्र सरकार (Central Government) ने बुधवार को लोगों के साथ कोरोना से जुड़ी अहम बातें साझा की. केंद्र ने बताया कि लेटरल फ्लो टेस्ट (Lateral Flow Test) से कोविड पॉजिटिव या नेगेटिव होने का पता 3-8 दिन में चलता है. जबकि आरटी पीसीआर टेस्ट (RT-PCR Test) से 20 दिन में संक्रमण का पता चल सकता है. आइए जानते हैं ICMR ने बताया कि किन लोगों के लिए कोरोना टेस्ट कराना जरूरी है किन लोगों के लिए नहीं.

इन लोगों को टेस्ट कराने की नहीं पड़ेगी जरूरत

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डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि सरकारी सलाह के अनुसार, पुष्टि किए गए कोविड मामलों (Covid Cases) के उच्च जोखिम वाले संपर्कों, उम्र या बीमारी के आधार पर पहचाने जाने वाले लोगों, जो लोग देश में अंदर ट्रेवल करके आए हैं, उन्हें टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा जिन लोगों में लक्षण नहीं है, आइसोलेट होकर आए हैं और संशोधित डिस्चार्ज नीति के तहत अस्पताल से छुट्टी मिली है, उन लोगों को टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है.' 

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डिस्चार्ज पॉलिसी और होम आइसोलेशन पॉलिसी में हुआ बदलाव

उन्होंने आगे कहा, 'चाहे किसी भी प्रकार की जांच करवाई जाए, संक्रमण के पहले दिन उसका रिजल्ट 'नेगेटिव' ही आएगा.' डा. भार्गव ने कहा कि कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित होने के बाद इसे ह्यूमन बॉडी के अंदर बढ़ने में टाइम लगता है, जिसे 'लेटेंट पीरियड' कहा जाता है. इस संक्रमण का पता तीसरे दिन या फि आठवें दिन तक लग पाता है, जो कि लेटरल फ्लो जांच में सामने आता है और उसे 'इंफेक्शियस पीरियड' (Infectious period) कहा जाता है.  उन्होंने कहा कि यही वजह है कि लोगों को अस्पताल से छूटने और घर पर क्वारंटाइनरखने का पीरियड 7 सात दिन तक का तय किया जाता है. 

Omicron के लिए लेटरल फ्लो टेस्ट जरूरी 

इसके अलावा उन्होंने बताया कि, 'आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट कराने के आठवें दिन के बाद भी रिजल्ट पॉजिटिव ही बने रहेंगे. दरअसल वो इसलिए क्योंकि कुछ RNA कण, जो गैर-संक्रामक हैं, बनते रहते हैं, जिसके चलते परीक्षण के परिणाम पॉजिटिव बने रहते हैं. ICMR के महानिदेशक ने बताया कि ओमिक्रॉन (Omicron) के लिए लेटरल फ्लो टेस्ट जरूरी आधार बन गए हैं.