Lateral Entry in UPSC: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने रविवार को कहा कि वरिष्ठ नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री’ व्यवस्था की कांग्रेस द्वारा आलोचना उसका ‘पाखंड’ दिखाती है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने संप्रग सरकार द्वारा विकसित अवधारणा को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है. 

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वैष्णव ने X पर एक पोस्ट में कहा कि NDA सरकार द्वारा लागू किये गये सुधार के इस कदम से शासन में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री मामले में कांग्रेस का पाखंड स्पष्ट नजर आ रहा है. ‘लेटरल एंट्री’ की अवधारणा को संप्रग सरकार ने ही विकसित किया था.

 

कांग्रेस की देन - लेटरल एंट्री

उन्होंने कहा कि वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) की स्थापना 2005 में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा की गई थी. वैष्णव ने कहा कि संप्रग शासन काल में ARC ने विशेष ज्ञान की आवश्यकता वाले पदों में रिक्तियों को भरने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी.

‘लेटरल एंट्री’ की अवधारणा पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दौरान शुरू की गई थी और 2005 में उसके द्वारा स्थापित द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने इसका जोरदार समर्थन किया था. सरकारी सूत्रों ने रविवार को यह बात कही. 

यूपीएससी ने निकाला 45 पदों के लिए नोटिफिकेशन

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने विभिन्न सरकारी विभागों में विशेषज्ञों की भर्ती के वास्ते 45 पदों के लिए शनिवार को विज्ञापन दिया था. इन पदों में 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है. 

विपक्षी दलों ने उठाया सवाल

इस फैसले की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की और दावा किया कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण के अधिकार कमजोर होंगे. 

2005 में पैदा हुआ अस्तित्व

सूत्रों ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि ‘लेटरल एंट्री’ की अवधारणा पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान शुरू की गई थी और 2005 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में स्थापित दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) ने इसका जोरदार समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐतिहासिक रूप से बाहरी प्रतिभाओं को आमतौर पर सलाहकार भूमिकाओं में, लेकिन कभी-कभी प्रमुख प्रशासनिक कार्यों में भी उच्च स्तरों पर शामिल किया है.