उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी 2019 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इस दौरान गंगा में पानी साफ रहे, इसके लिए गंगा के किनारे सभी जल प्रदूषित करने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया है. इसके चलते कानपुर में चमड़ा टेनरी के साथ ही बिजनौर और हापुड़ में डिस्टलरी तीन महीने तक बंद रहेंगी. हालांकि इन उद्योगों से जुड़े लोग ऐसा समाधान चाहते हैं, जिससे ये फैक्टरियां बंद न हों.

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इन उद्योगों से जुड़े लोगों का कहना है कि बातचीत अभी भी जारी है, लेकिन अगर कोई समाधान नहीं निकला तो 15 दिसंबर 2018 से 15 मार्च 2019 तक गंगा के किनारे जल प्रदूषण का कारण बनने वाले सभी उद्योग बंद रहेंगे. हापुड़ और बिजनौर प्रयागराज से करीब 600 किलोमीटर दूर हैं, जबकि कानपुर की दूरी करीब 220 किलोमीटर है.

प्रयागराज में अर्धकुंभ मेले का आयोजन 15 जनवरी से 4 मार्च तक किया जा रहा है. इस दौरान करोड़ों लोगों के संगम तट पर आने का अनुमान है. राज्य सरकार इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वैसे तो इनमें से कई उद्योगों को जीरो डिस्चार्ज का सर्टिफिकेट मिला हुआ है. लेकिन सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है, और इसक वजह से उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया है. 

यदि ये फैसला लागू हुआ तो गंगा के किनारे करीब 1100 औद्योगिक इकाइयां तीन महीने के लिए बंद रहेंगी. इसमें कानपुर की 400 टेनरियां भी शामिल हैं. इसके अलावा पेपर मिल, चीनी मिल, डिस्टलरी, डाइंग इंडस्ट्री शामिल हैं. इस फैसले से बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, फर्रुखाबाद, कानपुर और प्रयागराज के उद्योग प्रभावित होंगे. उद्योगजगत का कहना है कि सरकार ने बीच का रास्ता नहीं निकाला तो करोड़ों रुपये के कारोबार का नुकसान तो होगा ही, लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे.