वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार के संसद में वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया. बजट में वित्त मंत्री प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को कृषि कार्य के लिए 6,000 रुपये सालाना वित्तीय मदद प्रदान की घोषणा की. 

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यह राशि तीन किस्तों में किसानों को प्रदान की जाएगी और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होगी. 

यह राशि योजना के तहत पात्र किसानों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से जमा करवा दी जाएगी. इस योजना का लाभ 12 करोड़ किसानों को मिलेगा और इसके तहत सरकार का खर्च 75,000 करोड़ रुपये सालाना होगा. 

वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 

तेलंगाना और ओडिशा में पहले से ही लागू है योजना

गौरतलब है कि इसी तरह की योजना तेलंगाना और ओडिशा में पहले ही शुरू की जा चुकी है. इसी योजना को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने किसान सम्मान योजना शुरू की है. 

तेलंगाना ने पिछले वर्ष कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से निवेश समर्थन योजना लागू की थी. इसका उद्देश्य किसानों द्वारा शुरुआती लागत की देखभाल करना था, ताकि उन्हें निजी ऋणदाताओं के पास जाना न पड़े.

रायतु बंधु योजना के अंतर्गत, जमीन होने के बावजूद किसानों को सालाना 8000 रुपये देने का प्रावधान है, जोकि प्रति फसल 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से दिया जाता है. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार की ओर से गत वर्ष मई में शुरू की गई इस योजना से अबतक 58 लाख किसानों को लाभ मिला है. 2018-19 के बजट के लिए, राज्य ने इस परियोजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये जारी किए थे.

राजस्व रिकॉर्ड अपडेट किया

रायतु बंधु योजना सही लाभार्थियों तक पहुंच सके, इसके लिए राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट करने, सुधार करने का एक समग्र कार्यक्रम चलाया गया. कार्यक्रम के अंतर्गत, भूमि के 94 प्रतिशत मालिकाना हक को पक्का किया गया और किसानों को पासबुक जारी किया गया.

पट्टेदार किसानों को फायदा नहीं

रायतु बंधु योजना के जिस एक परिप्रेक्ष्य की आलोचना हुई है, वह यह है कि पट्टेदार किसानों को इस लाभ का फायदा नहीं दिया गया है.

राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने पिछले महीने कहा था कि रायतु बंधु योजना ने न केवल राष्ट्रीय एजेंडे में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र से भी प्रशंसा मिली है.