उत्तर प्रदेश शासन ने कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आमदनी में इजाफा करने के लिए प्रदेशभर में किसान पाठशाला शुरू की हैं. प्रदेश के 75 जनपदों में 15,000 से अधिक किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा है. लखनऊ में एक ऐसी ही किसान पाठशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों का पलायन रोका है. जो किसान कृषि से पलायन करने को मजबूर था वो आज रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि किसान पाठशाला के पिछले दो संस्करणों में प्रदेश के सभी जनपदों के लगभग 15000 कृषि केंद्रों पर किसानों की आय को दोगुना करने व आधुनिक तकनीक के साथ ही कम लागत व अधिक उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की कोई भी चीनी मिल बंद नहीं होंगी. यह हमारे किसानों की आय का साधन है. यहां पर चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ डिस्टलरी भी स्थापित की जा रही हैं. हम शुगर केन से इथेनॉल बनाने की व्यवस्था करेंगे. इथेनॉल का उपयोग हम अपने वाहनों में ईंधन के रूप में करेंगे. इससे बाहरी देशों पर ईधन के लिए हमारी निर्भरता भी कम होगी और यह पैसा हमारे किसान भाइयों की जेब में जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में मंडियों को अफसर नहीं बल्कि किसानों के चुने हुए प्रतिनिधि चलाएंगे. जिससे कि उनकी समस्याओं का ठीक ढंग से निपटारा हो सके.

उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद पहले वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया, वहीं दूसरे वर्ष 53 लाख मीट्रिक टन और इस वर्ष अब तक 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय सीधे किसानों से किया जा चुका है.