खादी ऑर्गेनिक वेबसाइट को दिल्ली हाई कोर्ट ने किया बैन, अयोध्या राम मंदिर प्रसाद भेजने का कर रहे था दावा
Ayodhya Ram Mandir: आज राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन किया किया. इस मौके पर पीएम मोदी सहित कई बड़े मंत्री शामिल हुए. इसके साथ ही कई बॉलिवुड स्टार्स, क्रिकेटर, सिंगर और बिजनेसमैन शामिल हुए.
Ayodhya Ram Mandir: आज राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन किया किया. इस मौके पर पीएम मोदी सहित कई बड़े मंत्री शामिल हुए. इसके साथ ही कई बॉलीवुड स्टार्स, क्रिकेटर, सिंगर और बिजनेसमैन भी शामिल हुए. आज प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम जनता के लिए कल से मंदिर खोल दिए जाएंगे. जो भक्त इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाएं उन्होंने 'खादी ऑर्गेनिक के नाम से अयोध्या राम मंदिर का प्रसाद बुक किया था. जिसे आज दिल्ली हाई कोर्ट ने फेक बताकर बैन कर दिया. तो चलिए जानते हैं क्या है मामला?
यहां जानिए क्या था मामला?
दरअसल, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले 'खादी ऑर्गेनिक के नाम से एक वेबसाइट लॉन्च हुई थी. जो ये दावा कर रही थी कि भक्तों को घर बैठे प्रसाद पहुंचाया जाएगा. इस वेबसाइट ने जनता की धार्मिक भावनाओं से खेलते हुए फेक वेबसाइट लॉन्च किया था. इसके बाद कई लोगों ने प्रसाद के लिए बुकिंग की. जब यह मामला सामने आया तो कोर्ट ने इसके जांच के आदेश दिए, इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित तौर पर अयोध्या राम मंदिर का प्रसाद मुफ्त में देने वाली वेबसाइट को निलंबित किया
वेबसाइट ने खादी के नाम पर लोगों को ठगा न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि वेबसाइट ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग की सद्भावना का फायदा उठाया, जो कपड़ा विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक वैधानिक निकाय है. अदालत ने कहा कि वेबसाइट ने केवीआईसी के साथ साझेदारी की आड़ में लोगों से पैसे ट्रांसफर कराने के लिए धोखा दिया. मुकदमे में आरोप लगाया गया कि वेबसाइट ने भारतीय और विदेशी ग्राहकों को यह विश्वास दिलाकर गुमराह किया कि वे एक फॉर्म भरकर क्रमशः 51 रुपये और 11 डॉलर का भुगतान करके अयोध्या राम मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं. "खादी ऑर्गेनिक" चिह्न के प्रोडक्ट बेचने पर रोक अदालत ने वेबसाइट के मालिकों को केवीआईसी के पंजीकृत "खादी" चिह्न के समान या भ्रामक रूप से समान चिह्न वाले किसी भी सोशल मीडिया पेज को हटाने का निर्देश दिया है. इसके अतिरिक्त, मालिकों को "खादी ऑर्गेनिक" चिह्न या किसी अन्य चिह्न के तहत सामान या सेवाएं बनाने, बेचने या पेश करने से रोक दिया गया है जो "खादी" चिह्न का उल्लंघन कर सकता है या उसकी तरह लग सकता है. न्यायमूर्ति नरूला ने कहा कि वेबसाइट मालिकों ने वादा किए गए "प्रसाद" को भेजने की पुष्टि रसीद या सबूत प्रदान किए बिना जनता से गलत तरीके से धन एकत्र किया था. वेबसाइट के खिलाफ मुकदमा दायर खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने "खादी ऑर्गेनिक" के संस्थापक आशीष सिंह और कंपनी मेसर्स ड्रिलमैप्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया. अदालत ने पाया कि "खादी ऑर्गेनिक" चिह्न में गलत तरीके से "खादी" ट्रेडमार्क शामिल किया गया, जिससे प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित करने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ संबद्धता की गलत धारणा पैदा हुई. अदालत ने आदेश देते समय कहा कि वादी अपने पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला प्रदर्शित करने में सक्षम है, और यदि एक पक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा (Interim injunction ) नहीं दी गई, तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी; सुविधा का संतुलन भी वादी के पक्ष में और प्रतिवादी संख्या 1 और 2 के विरुद्ध है।