सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Micron Technology के भारतीय-अमेरिकी CEO संजय मेहरोत्रा ने अगले 20 सालों में 100 अरब डॉलर के निवेश और न्यूयॉर्क में हजारों नौकरियां पैदा करने का वादा किया है. कानपुर में जन्मे सीईओ ने शुक्रवार को एक पोस्ट में बताया कि वो राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिले. उन्हें कुछ माइक्रोन टीम से मिलाया और न्यूयॉर्क में कंपनी के भविष्य के मेगाफैब के लिए माइक्रोन की योजनाओं को बताया. अगले दो दशकों में 100 अरब डॉलर का यह निवेश अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधा का निर्माण करेगा. शीर्ष कार्यकारी ने कहा कि माइक्रोन टेक्नोलॉजीज न्यूयॉर्क में 50,000 नौकरियां पैदा करेगी और वर्कफोर्स तैयार करने के लिए स्थानीय कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और सामुदायिक संगठनों के साथ साझेदारी करेगी. 

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माइक्रोन टेक्नोलॉजी नैस्डैक-लिस्टेड कंपनी है जो इनोवेटिव मेमोरी और स्टोरेज सॉल्यूशंस पर ध्यान देती है. मेहरोत्रा ने कहा कि वह न्यूयॉर्क को लीडिंग एज सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्च रिंग का हब बनाना चाहते हैं. एक रिलीज में, कंपनी ने कहा कि वह ग्रीन चिप्स कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड में 250 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जिसमें न्यूयॉर्क से अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा, जिसमें स्थानीय, अन्य राज्य और राष्ट्रीय भागीदारों से 150 मिलियन डॉलर का निवेश होगा. 

न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने ट्वीट किया, माइक्रोनटेक और संघीय और स्थानीय भागीदारों के साथ, हम में कार्यबल विकास, आवास, शिक्षा और अधिक के लिए सेंट्रल न्यूयॉर्क में 500 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे हैं. होचुल ने कहा, हम न केवल 50,000 नौकरियां लाएंगे, हम अपने समुदायों में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करेंगे.

कानपुर से लेकर कैसा रहा है सफर

मेहरोत्रा सैनडिस्क कॉपोर्रेशन में एक लंबे और प्रतिष्ठित करियर के बाद मई 2017 में माइक्रोन में शामिल हुए, जहां उन्होंने 1988 में स्टार्ट-अप से लेकर 2016 में वेस्टर्न डिजिटल को इसकी अंतिम बिक्री तक कंपनी का नेतृत्व किया. सैनडिस्क से पहले, उन्होंने इंटीग्रेटेड डिवाइस टेक्नोलॉजी, इंक., एसईईक्यू टेक्नोलॉजी और इंटेल कॉर्पोरेशन में डिजाइन इंजीनियरिंग पदों पर कार्य किया. मेहरोत्रा का जन्म कानपुर में हुआ था और उन्होंने दिल्ली के सरदार पटेल विद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की. 18 साल की उम्र में, मेहरोत्रा अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में बैचलर और मास्टर दोनों डिग्री हासिल की. उन्हें बोइस स्टेट यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था, और उनके पास लगभग 70 पेटेंट हैं.