महाराष्ट्र की 10 हजार स्कूल-कॉलेज की कैंटिन से अब धीरे धीरे जंक फूड पूरी तरह से बाहर हो जाएगा. महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिशट्रेशन ने स्कूल-कॉलेजों की कैंटिन के लिए गाइडलाइंस के बाद इस लागू करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है जिसका मकसद हेल्दी फूड को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना है. बच्चों में मोटापा, दांत की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए महाराष्ट्र FDA ने राज्य भर के 10 हजार स्कूल कॉलेजों से जंक फूड हटाकर हेल्दी फूड शामिल करने की गाइडलाइंस जारी करने के बाद अब हेल्दी फूड को लेकर जागरुकता अभियान भी शुरू कर दिया है. साल के अंत तक पूरे राज्य में बच्चों की कैंटिन में हेल्दी फूड को लेकर अभियान चलाएगा जाएगा.

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महाराष्ट्र FDA ने स्कूल-कॉलेजों की कैंटिंन का मैन्यू बदलने के लिए कहा है और स्कूलों के मैन्यू से जंक फूड को बाहर किया जाए, देश भर में इस तरह की गाइडलाइंस जारी करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है और राज्य सरकार का हर स्कूल कॉलेजों में फूड टेस्टिंग लैब्स भी स्थापित करने की योजना है

 

जंक फूड में हाई फैट, हाई शुगर, हाई सॉल्ट से फूड से बच्चों में बीमारियों के लक्षण बढ़ रहे हैं, इसलिए स्कूलों की कैंटीन का मैन्यू बदलने के लिए कहा और FDA की गाइडलाइंस के मुताबिक प्रोटिंन युक्त पौष्टिक आहार को शामिल किया जाए. कैंटिन के मैन्यू से चिप्स, नूडल्स, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स, पिज़्जा,बर्गर, केक, बिस्किट,बन, पेस्ट्रीज को बाहर करने को कहा है.

एफडीए ने स्कूलों में पौष्टिक चीज़ों की बिक्री बढ़ाने को कहा जिसमे गेहूं की रोटी, पराठा, मल्टी ग्रेन चपाती, चावल-खीर, दही, लस्सी, छाछ, वेज सैंडविच, खिचड़ी,नारियल पानी, शिकंजी जैसे आइटम्स को शामिल करने को कहा है, इसके अलावा स्कूलों की कैंटीन को साफ-सफाई पर भी ध्यान देना होगा, हाइजिन से जुड़ी चैकिंग भी FDA करेगा.

हालांकि हेल्दी फूड से जुड़ी गाइडलाइंस को लागू करने में प्रैक्टिकल दिक्कतें हैं क्योंकि कैंटीन चलाने वालों के लिए ट्रे़डिश्नल फूड फायदेमंद नहीं है और बच्चों को खुश रखने के लिए पैरेंट्स कई बार बढ़ावा देते हैं, लेकिन महाराष्ट्र FDA की गाइडलाइंस स्कूल-कॉलेजों के कैंटीन में हेल्दी फूड को जरूर बढ़ावा देगी.