Junk Food advertisements News: जंक फूड खाने का क्रेज लोगों में बढ़ता ही जा रहा है. जंक फूड के विकल्प भी पहले की तुलना में अब काफी अधिक हो गए हैं. ज्यादातर विज्ञापनों में भी जंक फूड को जोर-शोर के साथ प्रमोट किया जाता है. खासतौर पर बच्चों के अंदर जंक फूड खाने की आदत बढ़ती जा रही है. ऐसे में सरकार ने अब इसे रोकने की दिशा में काम करने का मन बना लिया है. 

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बच्चों के बीच बढ़ते मोटापे को लेकर फिक्रमंद उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सेहत के लिए नुकसानदेह माने जाने वाले जंक फूड से जुड़े विज्ञापनों पर लगाम लगाने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को पीटीआई से कहा कि हाल ही में एक बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस बारे में एक सुझाव दिया है. 

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जंक फूड को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने का सुझाव

इस अधिकारी ने कहा कि हमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से बच्चों को रिझाने वाले जंक फूड संबंधी विज्ञापनों के बारे में कई सुझाव मिले हैं. हम इन सुझावों पर गौर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों से संबंधित कार्यक्रमों के प्रसारण के दौरान जंक फूड को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने, खानपान की सही आदतों को बढ़ावा देने और जंक फूड में पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी के बारे में जानकारी देने जैसे सुझाव रखे गए हैं.

देश में बच्चों के बीच बढ़ रही है मोटापे की समस्या

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे से मिले आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा है कि देश में बच्चों के बीच बढ़ता मोटापा इसका एक सबूत है. अधिकारी ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) भी खाद्य उत्पादों के पैकेट पर पौष्टिक तत्वों का ब्योरा देने से संबंधित नियमों के साथ सामने आया है. उन्होंने कहा कि जंक फूड से संबंधित विज्ञापनों के असर को देखते हुए बच्चों पर केंद्रित विज्ञापनों के प्रावधान भी भ्रामक विज्ञापनों पर रोक संबंधी दिशानिर्देश में शामिल किया जा सकता है.