झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों और बेरोजगार नौजवानों के हित में कई बड़े फैसले लिए हैं. राज्य की नवगठित हेमंत सोरेन सरकार ने वित्त वर्ष 2020- 21 के लिए पेश अपने पहले बजट में राज्य में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ करने और स्नातक एवं परास्नातक बेरोजगार युवाओं को वार्षिक सहायता देने की घोषणा की है. इसके साथ ही सरकार ने कृषि आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया गया है.

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झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार का पहला बजट मंगलवार को विधानसभा में पेश किया. वर्ष 2020- 21 के लिये कुल 86,370 करेाड़ रुपये के इस बजट में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ करने के साथ ही बेरोजगार स्नातक तथा परास्नातक युवकों एवं युवतियों को दो साल तक क्रमशः पांच हजार और सात हजार रुपये वार्षिक सहायता देने की भी घोषणा की गई है. राज्य में 300 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वालों को सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने की व्यवस्था की है.

पिछली रघुवर दास सरकार द्वारा पांच एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को दी जाने वाली पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की कृषि आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया गया है.

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष बजट में राज्य के बेरोजगार स्नातक एवं परास्नातक युवकों को दो साल तक पांच हजार रुपये तथा युवतियों को सात हजार रुपये प्रति वर्ष सहयोग राशि देने की व्यवस्था की गयी है. इसके लिए 146 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है.

मुफ्त बिजली

राज्य सरकार ने बजट में सभी लोगों के लिए सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त करने की व्यवस्था की है लेकिन इसके लिए शर्त यह रखा गया है कि यह मुफ्त बिजली उन्हीं परिवारों को दी जायेगी जो तीन सौ यूनिट प्रति माह बिजली का उपयोग करेंगे. इसके लिए बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल गरीबों के अलावा राज्य के गरीबी रेखा से उपर के शेष परिवारों को भी राज्य सरकार के संसाधनों से पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा देने की व्यवस्था की है.

गरीबों को धोती, लुंगी और साड़ी

इनके अलावा वित्त मंत्री ने राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शामिल 57 लाख परिवारों को सस्ते अनाज के अलावा वर्ष में दो बार धोती, लुंगी और साड़ी भी देने की घोषणा की है. इसके लिये बजट में दो सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.

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कृषि आशीर्वाद योजना बंद

बजट में सरकार ने रघुवर दास सरकार द्वारा किसानों को मदद देने के लिए प्रारंभ की गयी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लिए धन की कोई व्यवस्था नहीं की है और यह योजना बंद करने का फैसला किया है. इसके तहत पिछली सरकार पांच एकड़ तक कृषि भूमिधारी वाले किसानों को प्रति एकड़ प्रति वर्ष पांच हजार रुपये की सहायता राशि देती थी. जिसके चलते एक एकड़ भूमि वाले किसान को पांच हजार रुपये और पांच एकड़ तक भूमि वाले किसानों को पच्चीस हजार रुपये की सहायता राशि मिलती थी.

वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में कोई बजटीय घाटा नहीं है लेकिन इसमें 2.15 प्रतिशत राजकोषीय घाटे की बात कही गयी है. आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने आठ प्रतिशत विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है. चालू वित्त वर्ष 2019- 20 में 7.2 प्रतिशत वृद्धि दर रहने का अनुमान लगाया है.