जम्‍मू-कश्‍मीर में कारोबार और नौकरिया बढ़ाने के लिए 1,350 करोड़ रुपये के बड़े पैकेज का ऐलान हुआ है. यही नहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किसानों और व्यवसायों को राहत देने के लिए राज्य में 1 साल के लिए 50 प्रतिशत बिजली और पानी के बिलों को माफ कर दिया है.

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एलजी मनोज सिन्‍हा के मुताबिक आर्थिक पैकेज प्राथमिक रूप से संकटग्रस्त संस्थाओं, पर्यटन और परिवहन क्षेत्रों में अपना काम करने वालों के लिए काम करेगा. मेगा पैकेज पर फैसला 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद हुआ है. बता दें कि यह राज्‍य 1 साल पहले की केंद्रशासित प्रदेश बना है.

एलजी सिन्हा ने 18 अगस्त को बैंकिंग, उद्योग, पर्यटन, कृषि और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए जरूरी मदद का पता लगाने को एक समिति का गठन किया था. समिति ने श्रीनगर और जम्मू के कम से कम 35 व्यापारिक संगठनों के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद 1 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

सिफारिशों को एलजी सिन्हा ने स्वीकार कर लिया है. वहीं सरकार ने कहा है कि वे अंतत: कश्मीरियों को सशक्त बनाएंगे, विशेष रूप से उन्हें सशक्त बनाया जाएगा, जो अपने कारोबार और आजीविका खो चुके हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए विभिन्न अन्य उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा.

पिछले महीने जम्मू-कश्मीर का प्रभार संभालने के बाद से सिन्हा ने प्रशासन को लोगों के दरवाजे पर लाने और प्रशासन में लोगों के विश्वास बढ़ाने के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी है.

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पैकेज से कारोबारी समुदाय में से हरेक कर्जदार को 5 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन (आर्थिक मदद) देने का फैसला किया गया है, जिससे सरकारी खजाने पर लगभग 950 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह एक बड़ी राहत होगी, जिससे रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी.

सरकार ने बस ड्राइवरों/कंडक्टरों, ऑटो/टैक्सी चालकों आदि की सहायता करने का भी फैसला किया है. सरकार ऐसे प्रभावित लोगों के लिए एक अलग पैकेज दे रही है. प्रशासन पुराने वाहनों और बीमा आदि के प्रतिस्थापन के लिए हाउसबोट मालिकों, ट्रांसपोर्टरों की भी मदद करेगा.