जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव आज लोकसभा में सबकी सहमति से पास हो गया. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में शाम को आर्टिकल 370 पर सरकार का मत रखा. इसके बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई. इस प्रस्ताव के पक्ष में सदन में 370 वोट पड़े, जबकि 70 सांसदों ने इसके विरोध में अपना वोट डाला. 

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बता दें कि सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा औऱ लोकसभा में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 में संशोधन और धारा 35-ए को खत्म करने का संकल्प पेश किया था. हालांकि इस संकल्प को कल ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. आज मंगलवार को इस पर लोकसभा में चर्चा हुई. लंबी बहस के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर आए सभी सवालों का जवाब दिया. 

इसके बाद सदन में इस प्रस्ताव पर मतदान कराया गया. वोटिंग के दौरान सदन में तमाम दलों के लगभग सभी सांसद मौजूद थे. इस बिल को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल नाम दिया गया. बिल के पक्ष में कुल 370 वोट पड़े, जबकि विरोध में 70 सांसदों ने वोटिंग की. 

हालांकि इस बिल पर कल ही ज्यादातर राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दे दिया था. कांग्रेस में भी इसको लेकर मतभेद दिखाई दिए. कुछ सांसद इस बिल का समर्थन कर रहे थे तो कुछ ने आपत्ति दर्ज की. राज्यसभा में यह बिल कल सोमवार को ही पारित हो चुका था. राज्यसभा में पारित होने के बाद आज इस पर लोकसभा में चर्चा की गई. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बिल पर अपना समर्थन दिया. आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी पहले ही बिल को अपना समर्थन देने का ऐलान कर चुकी थीं. 

लोकसभा में इस बिल पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत की सीमाओं के अंदर कोई भी फैसला लेने के लिए भारत की संसद को पूरा अधिकार है. गृहमंत्री ने कहा कि सदन में मौजूद एक-दो लोगों के अलावा किसी ने अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध नहीं किया. वे भी चाहते हैं कि आर्टिकल 370 हट जाए, लेकिन उनके सामने वोट बैंक का सवाल आ जाता है. 

अमित शाह ने कहा, 'देश का बच्चा-बच्चा बोलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. हम ये क्यों नहीं बोलते कि यूपी देश का अभिन्न अंग है, तमिलनाडु देश का अभिन्न अंग है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आर्टिकल 370 ने इस देश और दुनिया के मन में एक शंका पैदा कर दी थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं.' 

अमित शाह ने कहा, 'जहां तक केंद्र शासित राज्य का सवाल है तो मैं देश और मुख्य रूप से घाटी के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि हालात सामान्य होते ही पूर्ण राज्य का दर्जा देने में हमें कोई संकोच नहीं होगा.'