जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने कृषि उद्देश्यों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने के उद्देश्य से 4,000 कृषि जल पंपों के सोलर एनर्जी को मंजूरी दे दी है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्र शासित प्रदेश की प्रशासनिक परिषद ने 4,000 व्यक्तिगत ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सौरीकरण (Solarisation) को मंजूरी दे दी. बैठक में मुख्य सचिव अटल डुलो भी शामिल हुए.

पीएम-कुसुम योजना का हिस्सा

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एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम) योजना का हिस्सा है, जिसमें 1 किलो वाट से 15 किलोवाट तक की क्षमता वाले ग्रिड से जुड़े सौर पावर प्लांट्स शामिल हैं. प्रवक्ता ने कहा कि योजना में भाग लेने वाले किसान अपनी सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इन प्रतिष्ठानों से उत्पन्न सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकेंगे.

सोलर पंप के फायदे

इसके अलावा, अतिरिक्त सौर ऊर्जा वितरण कंपनियों (discoms) को बेची जा सकती है और वे जम्मू और कश्मीर स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (JKSERC) द्वारा निर्धारित टैरिफ के आधार पर किसानों को मुआवजा देने के लिए बाध्य होंगे. प्रवक्ता ने कहा कि प्रदूषण को कम करने के अलावा, कृषि पंपों के सौरीकरण का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों के माध्यम से सिंचाई का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करना है. प्रवक्ता के अनुसार, यह पहल डिस्कॉम द्वारा होने वाले राजस्व घाटे को कम करने के लिए बनाई गई है, जो वर्तमान में सिंचाई पंपों को 0.66 रुपये प्रति यूनिट बिजली पर सब्सिडी देती है, जबकि प्रत्येक यूनिट के लिए औसत टैरिफ 3.50 रुपये है.