प्रधानमंत्री का फोटो इस्तेमाल करने पर हो सकती है जेल, जानें क्या है मामला
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री (Prime Minister) या फिर देश के राष्ट्रीय चिह्न अशोक के गलत या कारोबारी इस्तेमाल के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है.
सेलेब्रिटीज के साथ फोटो खिंचवाना अपनेआप में अलग अनुभव होता है. अगर किसी को किसी सेलेब्रिटीज के नजदीक आने का मौका मिलता है तो कोशिश होती है कि उसके साथ एक फोटो जरुर खिंचवा ली जाए, ताकि इस पल को यादगार बनाया जा सके. बहुत से लोग सेलेब्रिटीज के साथ फोटो खिंचवाकर अपने सोशल मीडिया प्लटेफार्म पर या फिर उसे अपने ऑफिस, व्यापारिक प्रतिष्ठान पर लगाते हैं, ताकि समाज में उनका भी रुतबा बढ़े.
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सेलेब्रिटीज के साथ फोटो खिंचवाकर उसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं. किसी मंत्री के साथ फोटो खिंचवाकर कुछ लोग ये दावा करते हैं कि उनकी फलां मंत्री से अच्छी जान-पहचान है और ऐसे लोग फोटो के आधार पर लोगों को ठगने या फिर अपने करोबार को बढ़ाने का काम भी करते हैं.
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. राष्ट्रपति (President), प्रधानमंत्री (Prime Minister) या फिर देश के राष्ट्रीय चिह्न अशोक के गलत या कारोबारी इस्तेमाल के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. इन सेलेब्रिटीज या फिर राष्ट्रीय चिह्न के गलत या फिर व्यापारिक इस्तेमाल पर जेल की सजा भी हो सकती है.
व्यापार और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री (Prime Minister) या राष्ट्रपति (President) की तस्वीर का अनुचित या अनधिकृत उपयोग करने पर 1 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और 6 महीने की जेल की सजा भी हो सकती है.
अभीतक राष्ट्रीय झंडे या फिर अशोक चक्र के गलत इस्तेमाल पर महज 500 रुपये तक का ही जुर्माना लगता है. गलती दोहराने पर जुर्माने की राशि के बढ़ाने तक का कोई प्रावधान नहीं है.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद या फिर राष्ट्रीय चिह्न अशोक चक्र की फोटो के गलत और खासकर व्यापारिक वजहों के लिए इस्तमेमाल किए जाने की कई शिकायतें सामने आई हैं. इन शिकायतों को देखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम में बदलाव प्रस्तावित किया है
हाल ही में कई डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान के बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के फोटो का इस्तमेमाल किया था. इसे लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी. आगे इस तरह के मामले न हों, इसके लिए सरकार कड़े नियम बनाने जा रही है.