ITR Filing Last Date: आज इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का आखिरी मौका है. अगर यह काम आज पूरा नहीं किया तो लेट फीस के साथ 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करना होगा. अगर आज रिटर्न फाइल नहीं किया तो उसके बाद 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम 5000 रुपए की लेट फीस वसूली जाएगी. विभाग ने बताया कि आकलन वर्ष 2022-23 के लिए शनिवार तक पांच करोड़ करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं. इसके पहले 29 जुलाई तक 4.52 करोड़ आईटीआर दाखिल किए जा चुके थे.

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आखिरी तारीख आगे बढ़ाने की हो रही है डिमांड

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से अभी तक आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने पर कोई भी संकेत नहीं मिला है. हालांकि, देश के करोड़ों लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने की  डिमांड कर रहे हैं. अधिकतर लोगों ने इनकम टैक्स की वेबसाइट के बिजी होने की बात कही है. इसके अलावा भी उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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आईटीआर ना भरने पर देनी होगी लेट फीस

आपको बता दें अभी तक 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने ITR फाइल कर दिया है. लास्ट डेट तक यह आंकड़ा 5.5 करोड़ से पार होने की पूरी उम्मीद है. पिछले वित्त वर्ष (2020-21) में बढ़ाई गई तारीख के साथ 31 दिसंबर, 2021 तक कुल 5.89 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए थे.  इससे पहले फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में भी 5.95 करोड़ लोगों ने आईटीआर फाइल क‍िया था. अगर आपको ऑफिस से फॉर्म -16 (Form -16) मिल चुका है तो बिना देरी किए इसे भर लें. 31 के बाद आईटीआर फाइल करने पर आपको पेनल्टी देनी होगी. 31 दिसंबर तक बिलेटेड रिटर्न भरा जा सकता है

दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट और फाइनेंसियल एडवाइजर पुनीत शर्मा के अनुसार, अगर कोई इनकम ग्रुप वाला व्यक्ति 31 जुलाई 2022 की तय तारीख तक आईटीआर दाखिल नहीं करता है तो वह अपना आयकर रिटर्न लेट फीस के साथ भर सकता है.बिलेटेड रिटर्न की बात करें तो सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने का मौका नहीं मिलेगा. ऐसे में अगर टैक्स भरने के दौरान किसी तरह की गलती हो जाती है तो रिवाइज्ड रिटर्न नहीं भरा जा सकता है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का इंतजार करना होगा. आज आईटीआर नहीं भरने पर लगेगा जुर्माना

अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 तक 5000 रुपये से अधिक आय वाले करदाता को आईटीआर फाइलिंग के समय 5,000 रुपए का लेट फीस देना होगा, जबकि 5 लाख से कम आय की स्थिति में लेट फीस 1,000 रुपए देना होगा. मौजूदा आयकर नियमों में कम से कम 6 महीने की कैद और अधिकतम 7 साल की कैद की सजा का प्रावधान है.