36 सैटेलाइट इसी महीने लॉन्च करेगा ISRO, कर रहा अपना GSLV रॉकेट तैयार, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
ISRO news: पहली बार कोई भारतीय रॉकेट लगभग छह टन का पेलोड ले जाएगा. साथ ही पहली बार वनवेब अपने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए भारतीय रॉकेट का उपयोग कर रहा है.
ISRO news: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस महीने के तीसरे या चौथे हफ्ते में वनवेब के 36 सैटेलाइट्स (उपग्रहों) को लॉन्च करने के लिए अपने रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके 3 (GSLV Mk 3) तैयार कर रहा है. इसरो के मुताबिक, श्रीहरिकोटा (Sriharikota) में रॉकेट पोर्ट पर दूसरे लॉन्च पैड पर लिक्विड ईंधन से चलने वाले और दूसरे फेज में दो ठोस ईंधन से चलने वाले बूस्टर मोटर्स को बांधा गया है. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, जीएसएलवी एमके3 तीन फेज वाला रॉकेट है, जिसमें पहला फेज ठोस ईंधन से, दूसरा लिक्विड ईंधन से और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है. इसरो के मुताबिक, 36 सैटेलाइट्स (ISRO will launch 36 satellites) की सफलतापूर्वक स्वास्थ्य जांच की गई है और उन्हें डिस्पेंसर यूनिट के साथ इंटीग्रेटेड किया गया है.
कुल प्रक्षेपण मास छह टन होगा
खबर के मुताबिक, इसके बाद क्रायोजेनिक फेज को दूसरे फेज में रखा जाएगा और 36 उपग्रहों के साथ हीट शील्ड या पेलोड फेयरिंग का इंटीग्रेशन होगा. इसरो की कमर्शियल शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के साथ लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए दो करार पर हस्ताक्षर किए हैं. अधिकारी ने बताया, कुल प्रक्षेपण मास छह टन होगा.
भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए गर्व की वजह
प्रस्तावित मिशन में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र (iIndian space Sector) के लिए कई पहल हैं, जिनमें: (1) जीएसएलवी एमके3 का पहला व्यावसायिक प्रक्षेपण (2) पहली बार कोई भारतीय रॉकेट लगभग छह टन का पेलोड ले जाएगा (3) पहली बार वनवेब अपने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए भारतीय रॉकेट का उपयोग कर रहा है (4) भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की वाणिज्यिक शाखा एनएसआईएल द्वारा अनुबंधित जीएसएलवी एमके3 का पहला वाणिज्यिक प्रक्षेपण और (5) पहली बार जीएसएलवी एमके3 इसके वेरिएंट का इस्तेमाल लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए किया जा रहा है.
जनवरी 2023 में कक्षा में स्थापित करने की योजना
वनवेब के 36 उपग्रहों के एक और सेट को जनवरी 2023 में कक्षा में स्थापित करने की योजना है. वनवेब ने कहा था, इस साल एक अतिरिक्त लॉन्च किया जाएगा और अगले साल की शुरुआत में तीन और लॉन्च किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. वनवेब, इंडिया भारती ग्लोबल और यूके सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है. उपग्रह कंपनी संचार सेवाओं की पेशकश करने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में 650 उपग्रहों का एक समूह बनाने की योजना बना रही है. 640 टन भार को उठाने की क्षमता के साथ जीएसएलवी एमके3 ठोस, तरल और क्रायोजेनिक इंजनों द्वारा संचालित तीन चरणों वाला रॉकेट है.
उपग्रहों को लेकर थी ये योजना
रॉकेट को चार टन उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) और लगभग 10 टन एलईओ में ले जाने के लिए डिजाइन किया गया था. इसरो (ISRO) के इस लॉन्च के साथ, वनवेब के पास कक्षा में अपने नियोजित जेनरेशन 1 लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होगा, क्योंकि यह दुनिया भर में उच्च गति, कम-विलंबता कनेक्टिविटी सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्रोथ करता है. वनवेब में एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक भारती एंटरप्राइजेज ने इस साल ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक डिस्ट्रीब्यूशन साझेदारी की घोषणा की थी.