बंदरगाहों को जोड़ने को 44,605 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाएं
सागरमाला देश का बंदरगाह आधारित विकास कार्यक्रम है. इसमें वैश्विक और घरेलू दोनों व्यापार के लिये लॉजिस्टिक लागत में कटौती पर जोर दिया गया है.
बंदरगाहों से रेल संपर्क के लिये 44,605 करोड़ रुपये के निवेश से 52 परियोजनाओं पर काम जारी है. इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन इंडियन पोर्ट रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) तथा रेल मंत्रालय कर रहा है.
पोत परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आईपीआरसीएल नौ बड़े बंदरगाहों पर 18,253 करोड़ रुपये की 32 परियोजनाओं पर काम कर रही है. इसमें से 175 करोड़ रुपये मूल्य की आठ परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं.
अधिकारी के अनुसार इसके अलावा रेल संपर्क से जुड़ी 24,877 करोड़ रुपये मूल्य की 23 परियोजनाओं की पहचान सागरमाला के अंतर्गत की गयी है. इन परियोजनाओं पर रेल मंत्रालय काम कर रहा है. इसमें से 2,491 करोड़ रुपये के निवेश वाली सात परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं.
सागरमाला देश का बंदरगाह आधारित विकास कार्यक्रम है. इसमें वैश्विक और घरेलू दोनों व्यापार के लिये लॉजिस्टिक लागत में कटौती पर जोर दिया गया है.
इसके अलावा 4,193 करोड़ रुपये मूल्य की 15 रेल संपर्क परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया. इसमें से 52 करोड़ रुपये मूल्य की तीन परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘कुल 44,605 करोड़ रुपये के निवेश से 52 परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरण में हैं. जबकि 18 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.’
इसके अलावा 362 किलोमीटर लंबी इंदौर-मनमाड नई रेल लाइन परियोजना के लिये हाल ही में जवाहरलाल नेहरू पार्ट ट्रस्ट, रेल मंत्रालय, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर किये.
नई परियोजना से मध्य भारत के शहरों से मुंबई/पुणे के बीच दूरी 171 किलोमीटर कम होगी. इससे लॉजिस्टिक लागत कम होगी.