International Yoga Day 2023: दुनियाभर में 21 जून 2023 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर आज समूचे विश्व में योग का कार्यक्रम "ओशन रिंग ऑफ योगा" आयोजित किया जा रहा है, इसमें करोड़ों लोग शामिल हो रहे हैं, पृथ्वी के दो ध्रुव जुड़ रहे हैं. जो पूरे विश्व को एक साथ जोड़े वह योग है. यह हमारी "वसुधैव कुटुंबकम" अर्थात सारा विश्व एक परिवार की संस्कृति है.  इस वर्ष योग दिवस की theme है – Yoga For Vasudhaiva Kutumbakam यानि ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग.

International Yoga Day 2023: मन की बात में पीएम मोदी ने कही ये बात

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मन की बात में पीएम मोदी ने योग को लेकर कहा था, 'इस साल योग दिवस की थीम योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है. हर बार की तरह, इस बार भी देश के कोने-कोने में, योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. साथियो, मेरा आप सभी से आग्रह है कि आप, योग को अपने जीवन में जरुर अपनाएं. इसे, अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. अगर अब भी आप योग से नहीं जुड़े हैं तो आने वाली 21 जून, इस संकल्प के लिए बहुत बेहतरीन मौका है.' 

International Yoga Day 2023: पीएम मोदी ने किया था ट्वीट

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'योग में तो वैसे भी ज्यादा तामझाम की जरुरत ही नहीं होती है. देखिये, जब आप योग से जुड़ेंगे तो आपके जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आएगा.' प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया है. योग के बारे में वीडियो साझा करते हुए, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया: 'योग शरीर की शक्ति और मन की शांति, दोनों को बढ़ाता है. आइए, स्वस्थ जीवन के लिए इसे हम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। विभिन्न आसनों के कुछ वीडियो आपके लिए साझा कर रहा हूं.' 

International Yoga Day 2023: साझा किए ये वीडियो

योग के बारे में वीडियो साझा करते हुए कहा, 'योग शरीर की शक्ति और मन की शांति, दोनों को बढ़ाता है. आइए, स्वस्थ जीवन के लिए इसे हम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. विभिन्न आसनों के कुछ वीडियो आपके लिए साझा कर रहा हूं.' वीडियो संदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने गर्व महसूस करते हुए व्यक्त किया कि योग एक वैश्विक भावना बन गया है और कहा- 'दुनियाभर में योग के विस्तार का अर्थ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना का विस्तार है. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि योग आज वैश्विक आंदोलन, ग्लोबल स्पिरिट बन गया है. उन्होंने कहा कि आज ऐतिहासिक और अभूतपूर्व अवसर है, जब भारत के आह्वान पर विश्व के 180 से अधिक देश संयुक्त राष्ट्र संघ के योग दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे.'

International Yoga Day 2023: भारत के ज्ञान का विस्तार योगा 

योग की शुरुआत भारत में हुई थी. ये ऐसी तकनीक है, जो कोई भी मुफ्त में इस्तेमाल कर सकता है. इसमें कोई आरक्षण नहीं है. ये किसी खास वर्ग के लिए नहीं है. ये प्राचीन भारत के ज्ञान का विस्तार है. पहला विश्व योग दिवस 21 जून 2014 को मनाया गया था. ये विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है. उन्होंने ही योग की खूबियों का जोर-शोर से प्रचार कर के इसे विश्व स्तर पर मान्यता दिलाई. आज ये दुनिया में भारत की शक्ति के तौर पर दिखाई देता है.

International Yoga Day 2023: सभी ने बराबर स्वीकार किया 

योग को लोकतांत्रिक देशों और तानाशाही व्यवस्था वाले देशों ने बराबर के उत्साह से स्वीकर कर लिया है. इससे पहले ऋग्वेद, उपनिषद, पतंजलि के अलावा आधुनिक गुरुओं जैसे स्वामी विवेकानंद, परमहंस योगानंद और श्री ऑरोबिंदो  ने प्राचीन भारतीय ज्ञान और ग्रंथों से नए युग को और दुनिया को परिचित कराया. इसके अलावा श्री श्री रविशंकर संगीत और ध्यान पर प्रवचन देते हैं. सदगुरू जग्गी वासुदेव योग और ध्यान के कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इसी तरह बाबा रामदेव ने गली-मुहल्लों के पार्कों को रोजमर्रा के योग केंद्रों में बदल दिया है.

International Yoga Day 2023: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'योग विश्व एकता का प्रतीक' 

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि, 'आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मां नर्मदा और रानी दुर्गावती की भूमि पर आकर और यहां योग कर मैं अभिभूत हूं. मेरे जीवन के ये सबसे यादगार पल है. योग एक दिन का नहीं है बल्कि हर दिन का है. यह विश्व एकता का प्रतीक है. यह भारत की वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति और विश्व के कल्याण की सोच का प्रतीक है. योग हजारों साल से हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है. भारत में हो रही जी -20 समिट की थीम हमारी संस्कृति पर आधारित है "वन अर्थ, वन फ्यूचर एंड वन फैमिली".

International Yoga Day 2023:  समझौता ज्ञापन पर किए थे साइन  

आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त रूप से 2019 के मध्य में मोबाइल-योग पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक परियोजना शुरू की थी. इस परियोजना में 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के तहत 'स्वस्थ रहें, गतिशील रहें' (बीएचबीएम) की अवधारणा की परिकल्पना की गयी है. 'स्वस्थ रहें, गतिशील रहें’ (बीएचबीएम) पहल डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में एक वैश्विक साझेदारी है, जो गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में गतिशील स्वास्थ्य (एम-स्वास्थ्य) प्रौद्योगिकी के विस्तार का समर्थन करती है.

उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय ने  जुलाई, 2019 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. एम-योग परियोजना चार क्षेत्रों पर केंद्रित है:

(1) सामान्य तंदुरुस्ती के लिए सामान्य योग प्रोटोकॉल;

(2) मानसिक स्वास्थ्य और सहनशीलता के लिए योग;

(3) किशोरों के लिए योग; तथा

(4) मधुमेह-पूर्व वाले लोगों के लिए योग।

International Yoga Day 2023: कोरोना में योग उम्मीद की किरण

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की किरण बना हुआ है. दो वर्ष से दुनिया भर के देशों में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो, लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है. कोरोना के बावजूद इस बार की योग दिवस की थीम योगा और वेलनेस ने करोड़ों लोगों में योग के प्रति उत्साह और भी बढ़ाया है.

International Yoga Day 2023:  पीएम मोदी ने कहा, 'कोने-कोने में लाखों नए साधक'

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के इन डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया है. दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है. इस मुश्किल समय में , इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे, लेकिन इसके विपरीत लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है. योग से प्रेम बढ़ा है. पिछले डेढ़ सालों में दुनिया के कोने-कोने में लाखों नए योग साधक बने हैं.

International Yoga Day 2023: योग के लिए  भारत के प्रयास

सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे विश्व को एक साथ आने का आह्वान किया था. दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.  177 देशों ने एक साथ 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया. सभी महाद्वीपों में फैले दुनिया भर के 177 देश इसमें शामिल थे. 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाये जाने से दुनिया भर में योग की लोकप्रियता और अधिक बढ़ी.

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प्रधानमंत्री मोदी स्वयं निरंतर योग करते रहे हैं और वे इसे ज्ञान, कर्म और भक्ति का एक अद्भुत संगम बताते हैं जो ‘रोग मुक्ति’ और ‘भोग मुक्ति’ प्राप्त करने का एक साधन है. यहां तक कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विशेष रूप से योग विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था ताकि युवाओं के बीच योग को और अधिक लोकप्रिय किया जा सके.